यूनान की महान दार्शनिक परंपरा में तीन दर्शनशास्त्रियों ने पूरे संसार को चौका दिया था । अरस्तू , भारत पर आक्रमण करने वाले सिकन्दर का गुरु था । प्लेटो , अरस्तू का और सुकरात , प्लेटो का गुरु था ।
सुकरात बचपन से ही विचारशील था । इससे स्पष्ट होता है कि आज तक जितने दर्शन (Philosophy )के नुमाइंदे धरती पर पैदा हुए , सारे के सारे अपना खुद का विचार रखते थे । हर क्षेत्र में विचारो का पर्याय जरुरी होता है ।