आधी दुनिया और आधुनिकता

तुम भूल गये पुरुषत्व मोह में ,
कुछ सत्ता है नारी की ।
समरसता हैं , संबंध बनी ,
अधिकार और अधिकारी की ।

जी हाँ , मै उसी आधी दुनिया की बात कर रहा हूं , जिसने अपने मातृत्व की छाव में ना जाने कितने रणबांकुरों का सृजन कर इस समाज को व्यवस्थित और सही ढंग से चलाने के लिए  अनेको प्रतिभाओं को इस जहान को दे दिया  ।
अपने बल पर जिसने हर पल में  एक असाधारण गतिविधियों को अंजाम दिया । सीता एक ऐसी भारतीय नारी थी , जिन्होंने दो ऐसे स्वावलंबी बच्चों को जन्म दिया , जो आगे चलकर दो देशों आस्ट्रेलिया और आस्ट्रिया के राजा बनते हैं ।
गार्गी का याज्ञवल्क्य से शास्त्रार्थ होता हैं और यह शास्त्रार्थ तब करने पहुँचती है जब दुनिया के सारे विद्वान उनसे परास्त हो चुके होते हैं ।

प्रेम की व्यापकता सिद्ध करने में माहिर भारतीय नारी भी  एक ऐसा माहौल बना देती हैं । जो कभी  तुलसीदास जैसे लोगो को सही दिशा दिखा देती हैं । और उनकी ऊर्जा एक सही दिशा में लगाने के कारण ही पांचवा वेद रामचरितमानस प्राप्त किया जा सकता हैं ।

प्रेम की पराकाष्ठा सिद्ध करने वाली मीराबाई कभी  भी  अपने प्रियतम कृष्ण को देखा तक नहीं और प्रेम पर विश्वास कर विष भी  पी लिया । और दुनिया को चलाने वाले सुप्रीम पावर को भी  झक मारकर आना पड़ता हैं ।

आज हर क्षेत्र में महिलाओं ने राष्ट्रहित में पूरी सहभागिता बरती हैं ।जिसका नाज़ पूरी दुनिया को होना ही चाहिए । महिलाओं का सम्मान हमारी शिष्टाचार में निहित था । लेकिन पश्चिम की देखादेखी करके हम उनका शोषण होता देख रहे हैं । बिना इतिहास में झांके हम ना वर्तमान सुधार सकते है और ना ही भविष्य संवार सकते हैं ।

Published by Abhijit Pathak

I am Abhijit Pathak, My hometown is Azamgarh(U.P.). In 2010 ,I join a N.G.O (ASTITVA).

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