अगर बात की जाय उस शुरुआती दौर की , जहाँ से हम किसी मुकाम तक पहुंचने के लिए एक सुनियोजित रास्ता बनाते हैं । हाँ ,शायद यह भी हो सकता हैँ कि इसके लिए हम बिना सोचे समझे भी वहाँ तक पहुँच सकते हैं । लेकिन क्या हम लगातार इसे बनाये रखने में कामयाब हो सकते हैं । अगर आप संभावनाओं के बल पर तरक्की के आसार बनाने के आदी हो चुके हो ,तो उसे तुरंत छोड देना चाहिए ।
हमारे लिए हर वक्त एक सुनहरा अवसर प्रतिक्षा के लिेए नजरें गड़ाये बैठा रहता हैं । पर पहले उसे पहचानने के लिए आधारशिला तो बना लिजिए ।