विचार और बदलाव का बड़ा ही अजीबोगरीब दास्तान हैं । बदलाव तब तक अपने वजूद में नहीं आता , जब तक विचार अपना पूरा जोर ना लगा दे । विचार इक नाव की तरह हैं जो आपको उस पार यानि बदलाव तक पहुँचा देता हैं । कभी भी नाविक को मत भुलाइयेगा क्योंकि विचार रुपी नाव को बदलाव की दहलीज पर पहुँचाने वाला नाविक आपका धैर्य ही हैं । अगर मेरी बातें आपको समझ में आ गयी होंगी , तो इस कायनात में किसी की औकात नहीं है कि आपको मंजिल तक पहुँचने से रोक सके ।।
Abhijit Pathak