आचार से अपरिचित विचार वाली परंपराओं , रुढ़ियों , प्रथाओं , अन्याय , अत्याचार , भ्रष्टाचार आदि मिटाने का श्रेय युगाब्द पुरुष , कोलकाता की माटी को प्रेरक बनाकर , भारत में राष्ट्रीय अखण्डता के लिए युवाओं को पास पास लाने वाले , विश्व मंच पर अपनी बात मनवाने वाले , भारत जागो विश्व जगाओं जैसे उद्घोष से एक जनक्रांति पैदा करने वाले , सही समय पर आकर अपने ऊर्जा को देश के हित में लगाने वाले , किसी भी देश में युवाओं को उसका काम धाम बताने वाले , देश के युवाओं को फौलाद बनाने वाले , स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस पर हमें हमारा उत्तरदायित्व समझकर हमेशा राष्ट्रहित में काम करना चाहिए । देश का अगर एक पत्ता भी हिले तो हमें पता होना चाहिए क्योंकि ऐसा विवेकानंद ने ही कहा था ।
आज हमें विवेकानंद को पढ़ना चाहिए , समझना चाहिए । और एक ऊर्जा के भण्डार होने के नाते अपनी जिम्मेदारी को समझकर हमेशा राष्ट्रवाद के लिए काम करना चाहिए ।
Abhijit Pathak