बड़ा उम्मीद बनाये रखता है ये शब्द । जिनका इससे ताल्लुक़ होता हैं वे कभी भी गुहार लगाने से कतराते नहीं हैं । तमाम प्रकार के पाबंदियों के होते हुए भी वे एक मौक़ा ढूँढते रहते है कि कब अपनी बात रखी जाये । इसमें भी कई तरीके होते हैं जिनको अपनाकर हम हक़ के हकदार बन सकते हैं । पहला जो किसी भी प्रकार के व्यवस्था में पल बढ़ सकता हैं , हकदार बनने का सबसे आसान तरीका होता हैं किसी के साथ जुड़ना और एक संबंध के आधार पर उस व्यक्ति विशेष को बाँधना ।
दूसरा तरीका होता हैं कि अगर मैने किसी के साथ अगर हमेशा अच्छा बरताव रखा हैं और वो मेरे प्रति ग़ैरज़िम्मेदाराना हरकते कर रहा हैं तो मेरा पूरा हक़ हैं उसका साथ हमेशा के लिए छोड़ दिया जाय । यह तो हुआ नैतिक अधिकार । इसी प्रकार राजनैतिक , सामाजिक और धार्मिक हक़ भी हैं ।
Abhijit Pathak