मुद्दा , सवाल , समस्या और किसी भी पर्दे के पीछे की असलियत को दिखाने की जद्दोजहद में अपने आप को हर वक्त एक अलग तरीके से आजमाने वाला मीड़िया खुद को उस वक्त किस असमंजस में रख देता हैं , जब उसे अपनी जिम्मेदारी और फायदे के बीच काफी अन्तर दिखाई देने लगता हैं । बच निकलने की यहीं ललक कुछ महत्वपूर्ण और बेहद बुनियादी खबरों को नहीं दिखा पाते । एक वक्त ऐसा भी आता हैं जब ऐसी खबरें चल रही होती हैं जिनका कोई मतलब नहीं बनता । लेकिन इन सब बातों के इतर यह जरुरी की मीड़िया अपनी जिम्मेदारी को ना भूले ।
आज परिस्थिति ऐसी बन पड़ी है कि हम मीड़िया आलोचकों को पूरा मौका दे रहे हैं , कि वे हमारे ऊपर ऊंगली उठाने में सक्षम हैं । और इस बात को हम नज़रअन्दाज नहीं कर सकते ।