अक्सर लोग अपने किसी ज्यादा करीबी या यूं कहे कि रिश्ते निभाने के चक्कर में उसकी गलती को भी भूल जाते हैं , और उसके साथ समझौता कर लेते हैं । लेकिन मेरा मानना हैं कि कोई कितना ही करीबी क्यों ना हो हमें किसी भी हालात में उसे मौक़ा ही नहीं देना चाहिए कि वह हमारे करीब आकर सम्बन्धों के बल पर अपनी बात को मनवा ले । हमें कभी भी ऐसे लोगो को स्वीकार नहीं करना चाहिए ,बात अगर अपनी भी हो तो हमे खुद को आसानी से माफ नहीं करना चाहिए ।
Abhijit Pathak