श्रीनगर के जामिया मस्जिद के बाहर कुछ झंड़ावरदार लोगों ने जुम्मे की नमाज़ अदायगी के बाद पाकिस्तानी और ISIS का झंड़ा फहराया। इससे पहले जनवरी महिने में भी ऐसी गतिविधियाँ हो चुकी थी। भारत विरोधी नारे लगाये गये। हाफिज सईद का पोस्टर भी फहराया गया। ये कौन लोग है जो भारत में रहकर भारतविरोधी नारे लगाते हैं। उस हाफिज़ सईद का नेतृत्व करते हैं, जिसने भारत पर आतंकी हमलों को अंजाम दिया। जिसकी वज़ह से ना जाने कितनी बार भारत के लोगों को खून के आंसू बहाने पर मजबूर होना पड़ा। चेहरे पर नकाब लगाये ये कौन लोग है, जो उस आतंकी संगठन का साथ दे रहे है जो पूरी दुनिया के लिए संकट बना हुआ है। जिसने मानवता के साथ ऐसा खिलवाड़ किया, जो सहन करने लायक नहीं था। ये लोग जताना क्या चाहते हैं, क्या जम्मू कश्मीर को दिया गया विशेष राज्य का दर्जा इन्हें ऐसा करने की अनुमति देता है। क्या ये लोग अपनी नागरिकता भूल बैठे है। सरकार को ऐसे तत्वों के साथ सख्ती बरतने की जरूरत है। और हाँ ,अगर PDP और BJP अपने सिद्धांत में मानवप्रेम और राष्ट्रभक्ति को शामिल किये हुए है, तो इस वाकया को सख्ती के साथ निबटायें। क्योंकि ऐसी गतिविधियों को अगर कुछ लोग भारत में रहकर अंजाम दे रहे है, तो यह सहन करने योग्य नहीं हैं।
प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए जब पुलिस मौका-ए-वारदात पर पहुँची तो उन्होंने पथराव शुरू कर दिया। पथराव से निपटने के लिए जब पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू किया, तो लाज़मी है यह वाकया और गंभीर हो गया। जिसकी वज़ह से चार लोग घायल हो गये।