राज्यसभा की आचार समिति ने विजय माल्या की सदस्यता को खत्म करने के लिए सदन में सिफारिश की। करोड़ों रूपये का कर्ज नहीं लौटाने के आरोपी विजय माल्या को सदन में रखना अपने आप में आचार समिति के सिद्धान्तों से खिलवाड़ करने जैसा हैं। उच्च सदन में आज पेश आचार समिति की रिपोर्ट में यह सिफारिश की गई है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ कर्ण सिंह की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है ‘‘डॉ माल्या के पत्र के साथ साथ संपूर्ण मामले पर विचार करने के पश्चात आचार समिति ने तीन मई 2016 को हुई अपनी बैठक में एकमत से सभा से यह सिफारिश करने का निर्णय किया कि डॉ विजय माल्या को तत्काल प्रभाव से निकाल दिया जाए। यह खेद का विषय है कि डॉ माल्या ने निर्णय और आचार समिति एवं पूरे सभा की तरफदारी ना करने को प्रभावित करने की कोशिश की। ’’ गौरतलब है कि समिति ने कोई निर्णय करने से पहले इस मामले में माल्या को उसके समक्ष अपना पक्ष रखने का मौका दिया था।