कांग्रेस का लोकतंत्र बचाओ मार्च, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने तोड़ी पुलिस घेराबंदी
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का यह मार्च इसलिए निकाला गया क्योंकि कांग्रेस का मानना है कि वर्तमान सरकार सत्ता की लालची हो गई हैं। उसको इस बात की कोई फिक्र नहीं है कि उसके उठाये कदमों से किसका नुकसान हो रहा है और किस हद तक। कांग्रेस का कहना है कि केन्द्र सरकार को इस बात से कोई मतलब नहीं है कि इसका खामियाजा किसको भुगतना पड़ेगा। क्या इससे केवल कांग्रेस का ही नुकसान हो रहा है, क्या इससे देश की जनता को कोई नुकसान नहीं हो रहा हैं।
उत्तराखंड के मामले में उन्होंने कहा, ”सत्ता की इनकी भूख बढ़ती जा रही है, इस सरकार ने लोकतांत्रिक तरीक़े से हमारी चुनी सरकार को गिराकर लोकतंत्र की हत्या की है.”मनमोहन सिंह, सोनिया और राहुल गांधी और समेत 5 नेताओं ने सांकेतिक गिरफ़्तारियां भी दी ।
कांग्रेस ने केंद्र की भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर उनकी राज्य सरकारों को अलोकतांत्रिक तरीके से हटाने का आरोप लगाते हुए ‘लोकतंत्र बचाओ’ मार्च निकाला। मार्च का आयोजन जंतर-मंतर से संसद तक था।
इस मौके पर सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने लोकतंत्र विरोधी तरीक़े से उत्तराखंड, अरुणाचल में कांग्रेस पार्टी की सरकारें गिराईं, चुने हुए नेताओं को हटवाया और यह क़ानून तोड़ती ही जा रही है। उन्होंने कहा कि उत्तरांखड आग में जल रहा है, लेकिन वहां कोई सरकार नहीं है जो इस समस्या का हल करे।
सोनिया ने अपने पूरे भाषण में अगस्ता वेस्टलैंड मामले का ज़िक्र नहीं किया. हालाँकि उन्होंने कहा कि सरकार अपनी नाक़ामयाबियों को छुपाने के लिए विपक्ष पर छूटे आरोप लगा रही है।
Source-BBC HINDI