अप्रत्यक्ष करों में महत्वपूर्ण सुधारों के प्रावधानों वाले जीएसटी विधेयक के संसद के मौजूदा सत्र में पारित नहीं होने पर प्रदेशों के हितों के प्रभावित होने पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि इसके पारित होने से राज्यों को सीधे-सीधे लाभ पहुंचता।
मोदी ने राज्यसभा में सेवानिवृत्त होने जा रहे सदस्यों को दिए जाने वाले विदाई भाषण में यह बात कही।
उन्होंने सेवानिवृत्त होने जा रहे सदस्यों से कहा, आपके योगदान, हस्तक्षेप से वर्तमान सत्र में सुधार के महत्वपूर्ण निर्णय हुए हैं।
उन्होंने कहा, दो चीजों का गिला-शिकवा आपसे जरूर रहेगा। यदि राज्य के रूप में देखें तो अच्छा होता कि आपके रहते, आपकी मौजूदगी में दो ऐसे निर्णय होते तो जिस राज्य का आप प्रतिनिधि करते हैं, वह राज्य हमेशा-हमेशा के लिए गर्व का अनुभव करते।
प्रधानमंत्री ने कहा, जीएसटी से बिहार का भरपूर लाभ होने वाला है, उत्तर प्रदेश का भरपूर लाभ होने वाला था। एक-दो राज्यों को छोड़कर शेष राज्यों को भरपूर लाभ होने वाला था। किंतु अब सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों को इसमें योगदान देने का मौका नहीं मिलेगा। उन्होंने उम्मीद जतायी कि आने वाले सत्र में जीएसटी विधेयक पारित हो जाएगा। उन्होंने कहा, आप में से जो वापस आएंगे, मुझे विश्वास है कि उनके हाथों से ही उनके राज्य के हित के लिए महत्वपूर्ण काम होगा। उल्लेखनीय है कि जीएसटी विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है। किन्तु यह राज्यसभा में लम्बित है।
प्रधानमंत्री मोदी ने संसद के मौजूदा सत्र में राष्ट्रीय मुआवजा वनीकरण कोष प्रबंधन एवं नियोजन प्राधिकरण (काम्पा) गठित करने संबंधित विधेयक भी पारित नहीं होने पर चिंता जतायी।
उन्होंने कहा, दूसरा महत्वपूर्ण काम काम्पा का है। इस बार यदि हमने निर्णय किया होता तो राज्यों को 42,000 करोड़ रुपए मिलते। एक एक राज्य को करीब करीब दो-तीन हजार करोड़ रुपए मिलते। यह रकम कम नहीं होती। उन्होंने कहा कि यदि यह विधेयक पारित हो जाता तो यह अच्छा निर्णय होता जो इस बार नहीं हो पाया। चार-पांच माह का और इंतजार करना होगा।
इस विधेयक के पारित नहीं होने पर अफसोस जताते हुए मोदी ने कहा, राज्यों की भलाई का सीधा-सीधा काम रह गया।
Abhijit Pathak