“यदि आप जवान हैं और प्रतिभाशाली भी हैं तो यह ऐसा है जैसे आपके पास पंख हो।”
-जापानी उपन्यासकार हारुकी मुराकामी
एक प्रतिभाशाली युवा जब मुराकामी की इन लाइनों को पढ़ रहा होगा तो मुझे पूरा विश्वास है कि चाहे वह कितने भी संघर्ष में अपना जीवन बिता रहा हो,उसके भीतर उम्मीद की एक लकीर जरुर बन चुकी होगी । ऐसा कई बार होता है कि हम अपने जीवन और मौजूदा हालात को देखते हुए यह अंदाजा लगा लेते है कि शायद हमारे हाथ कुछ भी नहीं लगने वाला । हम कुछ पल के लिए ये मान लेते है कि आने वाला भविष्य हमारे सपनो को पाल पाने में शायद समर्थ होगा या नहीं ।
लेकिन आपके भीतर अगर कुछ हटकर करने की चाहत है तो फैसला हमेशा आपके हाथ में होता है। आपको हमेशा दो लाइने याद रखनी ही चाहिए कि आप जैसा अलग और प्रभावशाली दुनिया का कोई भी इंसान सक्षम होकर भी नहीं कर सकता । जितना बेहतर आप कर सकते हो ऐसा नामुमकिन है कि ठीक वैसा ही दूसरा कोई कर सके। लेकिन आपके भीतर एक जिद ये होनी चाहिए कि मुझे अपने काम में कोई कोताही नहीं बरतनी चाहिए चाहे परिस्थिति कैसी भी आन पड़े ।लगातार अच्छा करते रहने का प्रयास किसी भी मनुष्य को विशेष बनाने में देरी नहीं लगाती ।
Abhijit Pathak