अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा शुक्रवार को दुनिया के पहले एटम बम पीड़ित शहर हिरोशिमा पहुंचे। जापान के लिए परमाणु निशस्त्रीकरण को जाहिर करने के लिए, या यह जताने के लिए की अमेरिका अपनी बातों को लेकर हमेशा प्रतिबद्ध रहेगी। हां , इसे एक प्रकार ओबामा का जापान से मैत्री पहल कहा जा सकता हैं, क्योंकि 71 साल बाद अमेरिका द्वारा जापान को पहुंचायी गई पीड़ा पर मरहम लगाने पहुंचने वाले ओबामा पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बनें।
1945 के हादसे ने जापान को तबाह करके रख दिया था। इस घटना में 1.5 लाख से ज्यादा लोग मारे गये थे।
अफसोस इस बात का है कि ओबामा ने यह जरूरी ही नहीं समझा कि जापान से क्षमायाचना मांगी जाये।
लेकिन स्मृति स्थल पर आंखें बंद कर और सिर झुकाकर मृतकों को श्रद्धांजलि जरूर दी। 1श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद ओबामा ने कहा, हमें विचार करना चाहिए कि ऐसी स्थितियां न पैदा हों कि सेनाओं को इतने भयानक निर्णय लेने पड़ें। हमें बमबारी में हुई मौतों के लिए दुख है। हम उस भयानक युद्ध में मारे गए निदरेष लोगों को हमेशा याद रखें। दुनिया को परमाणु हथियार मुक्त बनाएं।
ध्यान दीजिए यह बाते किसके द्वारा कही जा रही है, यह बातें कही जा रही है परमाणु शस्त्र के आका अमेरिका द्वारा। आश्चर्यजनक