राष्ट्रीय एकता बनाये रखना राष्ट्रनिर्माण की पहली चुनौती थी। आजादी के बाद हमे केवल राष्ट्रनिर्माण की पहल भर करके अनेकता में एकता सिद्ध करनी थी लेकिन हमने बार-बार अपनी नासमझी को दुहराया । देश के सबसे बड़े विशेषता को बनाये रखने में हमने असफलता प्राप्त की।
हमने भारत को क्षेत्रवाद ,नस्लभेद,लिंगभेद ,जातिवाद ,धर्मगत आधार पर इतना चोट पहुंचाया की भारत को लगातार आपसी सौहार्द की वजाय धार्मिक हिंसा को देखना पड़ा और परिस्थिति तो ये आन पड़ी की इस काम को हमारे लोकमत प्राप्त करने वाले नेताओं ने ही भड़काऊ भाषण दे देकर हमें बाँटने पर मजबूर किया ।
Abhijit Pathak