वैसे तो बजरंग दल विश्व हिन्दू परिषद का युवा मोर्चा है, लेकिन यहां पर ऐसे-ऐसे करतब सिखाये जाते है जिसको देखकर आप आश्चर्यचकित हो जाएंगे। अगर इनकी बात मानी जाये तो ये अपने आपको हिन्दू धर्म का समर्थक कहते है। इनका कहना है कि ये देश के जवानों का सम्मान करते है लेकिन देश के भीतर भी काफी सारी परेशानियां है जिसके लिए हमें आगे आना ही पड़ता है।
सवाल ये नहीं है कि बजरंग दल के आत्मरक्षा कैंप की चाहत क्या है, बल्कि सवाल ये है कि बजरंग दल हमेशा से कई सारे मुठभेड़ो में अपना प्रदर्शन कर यह जाहिर कर चुका है कि यह दल किस ओर बढ़ रहा हैं।
विश्व हिन्दू परिषद के लिए युवा पीढ़ी को इकट्ठा करते-करते ये किस ओर मुड़ गई की अब शायद इसके सिद्धांत और मकसद पर सवालिया निशान उठ रहा हैं।
बजरंग दल की ऑफिशियल वेबसाइट में ये साफ लिखा गया है कि यह किसी धर्म का विरोध नहीं करती।
लेकिन अगर पिछले एक साल के कारनामें को देखा जाये तो ये कहा जा सकता है कि बजरंग दल भटकाव के रास्ते पर पूरी शिद्दत से अपने आपको झोंक चुका है। इसकी मंजिल अब बदल चुकी है।
हिन्दू धर्म का प्रचार करते-करते इसनें दूसरे धर्मों पर शिकंजा कसना ,अपने मकसद में कब जोड़ लिया ये समझ से परे हैं।