बड़े से बड़े पर्यावरणविद् ने पर्यावरण पर अभी तक इतनी गंभीरता नहीं दिखाई होगी, जलवायु परिवर्तन की चिंता को लेकर एक आदमी 80 देशों के लिए रवाना हो जाता है, विश्वशांति की परवाह कुछ इस कदर की है ये कि एक साथ 700 शहरों को प्रोत्साहित करने साइकिल से निकल जाता है.
अभिषेक शर्मा की ये पहल काबिले तारीफ-
28 साल के साइकलिस्ट अभिषेक कुमार शर्मा को फायरफॉक्स बाइक्स ने पूरा सहयोग किया है. ये अपनी इस यात्रा की शुरूआत जर्मनी के फ्रैंकफर्ट से 10 जून को करने जा रहे है.
80 देशों और 700 शहरों की यात्रा पर जाने वाले अभिषेक इससे पहले भी स्वच्छ भारत अभियान के लिए साइकिल के माध्यम से ही लोगों को प्रोत्साहित किया है. अभिषेक कुमार शर्मा एक विश्वयात्री, पर्यावरणविद्, साइकलिस्ट और कहानीकार हैं.
ध्यान देने की जरूरत
प्रधानमंत्री अक्सर जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदा, पर्यावरण, जल संरक्षण और प्रकृति बचाने पर जोर देते है. वाकई में ये सभी ऐसे बिषय है जिनपर गंभीरता दिखाने की कोशिश करनी चाहिए. इन सभी मुद्दों पर जब तक हम ध्यान नहीं देंगे तक तक विश्व शांति की कल्पना अधूरी होगी.
पर्यावरण की चिंता वाजिब
बदलते दौर में, हमने पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया है. चाहे ग्लोबल वार्मिंग हो या फिर सूर्य की पराबैंगनी किरणों से धरती का कवच कही जाने ओजोन परत में कटाव, जलवायु परिवर्तन के लिए सभी देश परेशान है. समुद्री जल स्तर का दिन ब दिन बढ़ना एक बड़ी समस्या को दस्तक दे सकती हैं. हिमस्खलन, प्राकृतिक आपदा और जैव विविधता की समस्या पर अगर ध्यान नही दिया गया तो आगे चलकर हमारे हाथ कुछ नही लगने वाला है.
चिंता हो तो ऐसी,
एक ऐसा आदमी जो मानवता को बचाने के लिए पूरे विश्व का भ्रमण करने चल देता है, जलवायु में होता बदलाव उसे परेशान कर देता हैं, उसे चिंता इस बात की है कि कहीं औद्योगिकरण और बदलाव इस पृथ्वी की विनाशलीला न बन जाये. उसे परवाह इस बात की हैं कि इन्सानियत को बचाने के लिए आखिर सबकी दावेदारी होने के बावजूद क्यों सबकी आंखों पर पट्टी पड़ चुकी है.
उसे लगता है कि विश्व शांति के लिए मुझे ही कुछ अलग कर के दिखाना चाहिए. आपने कभी पर्यावरण को लेकर किसी पर्यावरणविद् को इतना चिंता करते हुए इससे पहले देखा है जिसने अपनी बात को लोगों तक पहुंचाने के लिए 80 देशों की यात्रा पर साइकिल से निकल गया हों.