अहमदिया इस्लाम-
हनफी इस्लामिक कानून को मानने वाले मुसलमानों का एक तबका अहमदिया कहलाता हैं. इस समुदाय की स्थापना भारतीय पंजाब के कादियान में मिर्जा गुलाम अहमद ने 1889 में की थी. इन लोगों के मुताबिक मिर्जा गुलाम अहमद खुद नबीं का ही अवतार थे.
अहमदिया मुसलमानों के मुताबिक मिर्जा गुलाम अहमद इस्लाम के अंतिम पैगंबर थें.
गुलाम अहमद में एक खास बात ये थी कि वे कोई शरियत नहीं लाये थे बल्कि उन्होंने अपने जीवन पर्यन्त पैगंबर की बातों को अपनाया और इसका प्रचार-प्रसार करते रहें. अहमदियों का मानना है कि ये इस्लाम के सबसे बड़े धर्म सुधारक थे. जो नबी की ही तरह है.
बस इसी बात का मतभेद हैं जिसके नाते मुसलमानों का एक बड़ा वर्ग अहमदियों को मुसलमान ही नहीं मानता हैं. हालांकि भारत के अलावा पाकिस्तान औऱ ब्रिटेन में अहमदियों की अच्छी खासी संख्या है.
पाकिस्तान में तो अहमदियों को मुसलमानों की पदवीं औऱ इस्लाम से खारिज कर दिया गया हैं.