अगर 27 साल यूपी बेहाल यात्रा के इतर रैलियों से काम बन सकता तो कब का बन गया होता. जरुरी है कि बगैर रैली किए आप एक विजन तैयार करे कि आगे चलकर किस प्रकार बदहाल या बेहाल यूपी को बेमिसाल बनाया जा सकता हैं.
मै कांग्रेस ही नहीं हरेक राष्ट्रीय पार्टी को आगाह कर रहा हूं कि अगर सारी समस्यायें रैलियों और जागरण मोर्चे से बनाये जा सकते तो अब तक देश के लोग इस स्थिति में ना होते.
ये रैलियां राजनीतिक छलावा और धोखाधड़ी है. किसी राजनीतिक पार्टी के पास देश की बदहाली खत्म करने का कोई विजन नहीं है.
देश के राजनेताओं जिस दिन और जिस वक्त आपको इस देश के लोगो के साथ हमदर्दी हो जायेगी ना.
उस दिन ही आप ये रैलियां छोड़ अपने लोगो के साथ एक नई सुबह को लाने के लिए प्लैनर तैयार कर रहे होंगे.