​अंधेर नगरी में लोकतंत्र(भाग-एक)

ये सत्ता उनका सम्मान नहीं करता, जिन लोगो ने इसको गुलामी की बेबसी से निकालने में दिनरात एक कर दिया. नेताजी  देश की आजादी के लिए आजीवन कोशिश करते रहे, लेकिन उनके कोशिशों पर आज पानी फेरने जैसा काम किया जा रहा है. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि जिस नेताजी के भरोसे एनडीए सरकार यूपीए को घेरती नजर आती थी. उनके जन्मदिवस पर कुछ फाइले भी सार्वजनिक की गई. राष्ट्रवाद का मार्का अपने कंधे पर लगाने वाली सरकार उसी नेताजी के साथ-साथ काम करने वाले उनके चालक कर्नल निजामुद्दीन को आज तक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का दर्जा तक नहीं दे पाई है. ये तब है जब वे खुद इसके लिए गुहार लगा चुके है और सरकार इस प्रार्थना को अस्वीकार कर चुकी है. 
लेकिन इन सबके बाद भी लोग उनकी मदद करते है. यहां के लोग उनके लिए स्टेट बैंक आॅफ इंडिया मुबारकपुर शाखा में उनके खाते में पैसा जमा कराते है. उनका सम्मान करते है. उनकी कोशिशों का सम्मान करते है. उस बलिदान का सम्मान करते है जिसने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया.

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Published by Abhijit Pathak

I'm Abhijit Pathak, Journalist at India Today Group. I have a masters in Broadcast Journalism from India Today Media Institute.

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