Advancing the global transition to energy efficiency as the ‘first fuel’
ये विश्व बैंक का ऊर्जा दक्षता रैंकिंग, 2016 का बिषय था. मैने इससे पहले भी कहा है कि किसी देश के विकास में ऊर्जा की अहम भूमिका होती है और इसी बात को रखने के लिए पिछले साल ’21वीं सदीं के संदर्भ में ऊर्जा संरक्षण’ से #Facebook पर पेज बनाया था.
हां, तो बात हो रही थी विश्व बैंक के ऊर्जा दक्षता रैंकिंग, 2016 से संबंधित. ये जानना महत्वपूर्ण होगा कि इस बार विश्व बैंक और Energy Efficiency Services Ltd. द्वारा आयोजित दो दिन का अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन दिल्ली में हुआ. 4 नवंबर को नई दिल्ली में विश्वबैंक के कार्यकारी निदेशक सुभाष चन्द्र गर्ग ने India’s State Level Energy Efficiency Implementation Readliness शीर्षक से एक रिपोर्ट विश्व बैंक के सामने रखा.
यानी इस रिपोर्ट में भारत के तमाम राज्यों को लेकर ऊर्जा दक्षता, (आप इसे ऊर्जा उत्पादन भी समझ सकते है) के कामधाम की तैयारी किस तरह चलाई जा रही है.
भारत के हर राज्य को रैंकिंग प्रदान की गई, कि कौन सा राज्य ऊर्जा उत्पादन के लिहाज से शीर्ष पर है और कौन नीचे.
इस रैंकिंग के मानक थे;
1. नीति एवं प्रोत्साहन(Policy and Incentives)
2. बाजार परिपक्वता(Market Maturity)
3. संस्थानिक क्षमता(Institutional Capacity)
ऊपर के मानकों के आधार पर आंध्रप्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, महाराष्ट्र और केरल के बाद गुजरात.
इनमें उत्तरप्रदेश नहीं था जिसके पूरे हुए वादें, अब है नये इरादे बनाये जा रहे है. उत्तरप्रदेश को दसवाँ स्थान प्राप्त हुआ.
दरअसल, ऊर्जा संरक्षण और ऊर्जा उपयोगिता के क्रम में अगर सरकारें काम करे तो भारत सबसे शीर्ष पर हो सकता हैं.
#EnergyCrisis #WorldBank #SubhashGarg #InternationalSummit #UPElection #NewDelhi #StateRanking #EnergyConsumption #EnergyProduction