एक बात ये नहीं समझ आती कि पाकिस्तानी सरकार अगर आतंकवाद को समाप्त करना चाहती तो वो इतना समय क्यों ले रही थी. हाफिज सईद पर उसने जो रणनीतियां अपनाई, उसे पहले अंजाम क्यों नहीं दिया गया. दरअसल, ये ट्रंप प्रशासन से डरा पाकिस्तान है जो अचानक से साफ सुथरा बनने का ढोंग कर रहा है.
जमात उद दावा के सरगना हाफिज सईद मुंबई बम धमाकों का जिम्मेदार है. उसका अपराध माफ कर देने लायक बिल्कुल भी नहीं है. केवल आतंकी निरोधक कानून(ATA) की चौथी सूची में उसका नाम डाल देने भर से उन मासूमों को इंसाफ़ नहीं मिल जाता जो धमाके में मारे गये थे. ये नीतिगत बदलाव नहीं है ये पाकिस्तान की विवशता भर है. नहीं तो जिस आतंकवाद को इसने जमीन दिया उसके लिए कार्रवाई करती.
जिस देश में 50 से ज्यादा आतंकी समूह सक्रिय हो. जिस देश ने उस तालिबान को पाल रखा है जिसमें 60 हजार से ज्यादा आतंकवादी है. जिस देश में अल कायदा के 40 हजार आतंकवादी खुले घूम रहे हो, लश्करे तैयबा के 50 हजार आतंकवादी भारतीय उपमहाद्वीप के लोगो के लिए भयभीत कर देते हो; उस पाकिस्तान का समर्थन किया जाना सही नहीं लगता. आतंकवाद के विष को पालने वाला पाकिस्तान मानवप्रेमी नहीं हो सकता.
-अभिजीत पाठक (विश्लेषक)