(ज्योतिषी आपके आगे-पीछे का बता रहे हैं तो कुछ करने की क्या जरुरत है. सबकुछ पहले से ही होना तय है. तो मेहनत करना छोड़ दीजिए और इन ज्योतिषियों से कंसल्ट करते रहिए. दिन-रात मेहनत करने की क्या जरुरत है. आराम से सो जाइए.)
एस्ट्राेलाजी के मुताबिक सब कुछ पहले से ही निश्चित है. जो होना है वो होकर रहेगा. ये सरासर गलत है क्योंकि जो ज्योतिष की इन बातों को मान लेता है वो आदमी उसके भरोसे बैठ जाता है. मेहनत करना छोड़ देता है. ऐसी व्यवस्था का सामाजिक विरोध होना चाहिए. फलित ज्योतिष या समुद्रविज्ञान आपको आलसी बनाते है.
मै ज्योतिषशास्त्र का विरोध नहीं कर रहा. मै इस क्षेत्र के तमाम झांसें बंद करवाना चाहता हूं. अगर आपको राशिफल जानने की उत्सुकता प्रभावित करती है तो इसका मतलब साफ है कि आपने इसे प्रमुखता दे रखा है ना कि अपने काम को.
जिस शनि ग्रह को ज्योतिषशास्त्र में क्रूरग्रह की संज्ञा दी गई है वो शनि एक अद्भुत ग्रह है. वायुमंडल स्तर को बनाने में कामयाब शनि ग्रह के एक उपग्रह टाइटन पर हीरे की चट्टान के साक्ष्य मिल चुके है. चालाक अमेरिका नासा एयरक्राफ्ट के जरिए टाइटन की तरफ जा रहा है और भारत शनि की साढ़ेसाती और ढैया के उपाय को टीवी पर नजरे गड़ाकर देख रहा है.
-अभिजीत पाठक (विचारक)