सुर्खियो में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने वाले नेता के तौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बाद अगर किसी प्रदेश के मुख्यमंत्री की बात की जाये तो सीएम योगी का नाम पहला आता है.
आदित्यनाथ योगी जब तक सीएम नहीं बने थे, तब तक राष्ट्रीय स्तर पर उनकी आज वाली तस्वीर नहीं रहती थी. जब वे गोरखपुर और यूपी के स्थानीय अखबारों में जगह पाते थे. अब समय बदला, लोगों का नजरिया बदला और सीएम योगी कुछ दिनों तक पीएम मोदी को भी टीवी पर नहीं आने दिए.
सीएम योगी सबकी फरियाद सुनते है. ये मै नहीं कह रहा सभी लिविंग मीडिया, आॅनलाइन और टीवी चिल्ला चिल्लाकर कह रहे है. आप सभी ने जरुर सुना होगा.
सीएम आदित्यनाथ योगी बुंदेलखण्ड से अपना राजकीय दौरा शुभारंभ करते है तो पानी की शत प्रतिशत गारंटी ले लेते है. ये सभी काम बहुत बुनियादी काम है, बुंदेलखण्ड वालों को सीएम का दौरा किसी चांद दिन की चाँदनी की तरह ही लगा.
प्रशासनिक फेरबदल में सीएम आदित्यनाथ योगी ने सबको पीछे छोड़ दिया. 84 डीएम रातोंरात एक सीएम के हाथों की कठपुतली बन जातें है और तितर-बितर कर दिए जाते है.
नए डीजीपी सुलखान सिंह को ऐसे प्रस्तुत किया जाता है कि अब यूपी में कोई गड़बड़ी हो ही नहीं सकती. आमजन यही चाहते हैं. मगर मौके पर पुलिस विभाग मुस्तैद नहीं है. रोज अपहरण, रेप और लूट समेत तस्करी चल रही है.
सोशल मीडिया पर आजकल ना जानें कौन-कौन सा अभियान चल रहा है. जिसका आब्जेक्टिव दूर तक कुछ नहीं है. मिशनलेस युवा आगरा के पुलिस स्टेशन में हंगामा करते है और गाड़ियां जला देते है.
स्लाॅटर हाऊस के लिए अब आपको नगर निगम की बजाय एक नई संस्थान के आगे पीछे घुमना होगा. रिन्युवल तो होगा ही मगर क्या किया जाए हिंदुत्व को उजागर करने के लिए कुछ ना तो कुछ करना पड़ेगा ही.
अब यूपी में अध्यापक अपने घरों के पास वाले स्कूल जाए. पहले दूर के नाते थोड़ा ही लेट पहुंचते थे. अब साथ में घर का भी काम कर लिया करेंगे. वैसे भी सर्व शिक्षा अभियान में बहुत ज्यादा संख्या जो रहती है. थक जाते होंगे बेचारे आराम तो बनता है ना.
एक और बड़ा फैसला जो राष्ट्रीय स्तर के सभी चैनलों ने सीएम योगी के कैपेनिंग की तरह चलाया था कि यूपी की सभी सड़के अब गड्ढा मुक्त होगी. मैने कहा भाई गड्ढा मुक्त करने की बजाय कहीं और गड्ढा ना हो जाए और जो सोचा था वही हो भी गया. कई गांवो के नालों की खुदाई कर के छोड़ दी गई. अब ये गड्ढा तभी भरेगा जब 2019 में ग्रामीण बीजेपी को वोट दे देंगे.
किसानों का आलू उचित मूल्य पर खरीदा जाएगा. अब वो दिन कब आएगा ये कोई नहीं जानता.