​पुदुचेरी(1)

भारत के महान ऋषि अगस्त्य की भूमि है। 12वीं सदीं में यहां जब अरविन्दो आश्रम की स्थापना हुई, उसके बाद आध्यात्मिक तौर पर इस भारतीय भूभाग का महत्व बढ़ गया। ये धरती कई संस्कृतियों और वंशों को पालने वाली रही है। इसे भारतीय-फ्रांसीसी संस्कृतियों का मनभावन मिश्रण कहना गलत नहीं होगा। पल्लव वंश और चोल वंश के बाद यहां पर फ्रांसीसियों का शासन रहा। यहां 55 भाषाएं बोली जाती हैं। अरविंदो आश्रम योगसाधना का केन्द्र है, जिसमें अरविंदो और श्रीमां की संगमरमर की समाधि है। ‘आज के शहर’ के नाम से जाना जाने वाला शहर ऑरोविल बहुत ही अनोखा है। इसे सूर्योदय का नगर(City oif dawn) भी कहा जाता है और इसके साथ ही यहां पर दुनियाभर के विभिन्न देशों के लोग, 40 अलग बस्तियों में रहते हुए विविधता का धरातल बनाते हैं, अरविंदो के उद्देश्य को भरपूर निभा रहे हैं। आयी मंडप की कहानी सुनकर आप इसे जरूर पसंद करेंगे। दरअसल आयी नाम की एक वेश्या थी और आयी मंडप का निर्माण 16 वीं सदीं में हुआ था। इस वेश्या ने अपना घर तोड़कर वहां पर पानी का टैंक बनवाया था। नेपोलियन ने भी यहां आकर अपनी प्यास बुझाई थी। पुदुचेरी में और बहुत कुछ है जो आपको हैरान कर देगा…,,,,,,
– अभिजीत पाठक

Published by Abhijit Pathak

I am Abhijit Pathak, My hometown is Azamgarh(U.P.). In 2010 ,I join a N.G.O (ASTITVA).

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