सुशील मोदी पर तेजस्वी से ज्यादा आरोप हैं, लेकिन देश के सभी समीक्षकों का कहना है कि नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ गठबंधन कर ईमानदारी का सबूत दिया है। ऐसी समीक्षाएं पक्षधरता के अलावा और कुछ नहीं कही जा सकती।
2012 के बिहार विधान परिषद चुनाव के लिए सुशील कुमार मोदी की तरफ से दायर किए गए हलफ़नामे में भी उन पर दर्ज मामलों का ज़िक्र है।
भागलपुर ज़िले के नौगछिया कोर्ट में उन पर आईपीसी की 500, 501, 502 (मानहानि), 504 (शांति भंग) और 120B (आपराधिक साजिश) के तहत केस दर्ज है.
सुशील कुमार मोदी के ख़िलाफ़ ये मामला आरजेडी नेता डॉक्टर आरके राणा ने दर्ज कराया था. राणा को बाद में चारा घोटाले के एक मामले में दोषी करार दिया गया था.
1999 के इस मामले को ख़त्म कराने के लिए पटना हाई कोर्ट में दायर की गई अपील पर सुशील कुमार मोदी को स्टे ऑर्डर मिला हुआ है. मामला पटना हाई कोर्ट में अभी भी लंबित है.