83 बच्चे जब मानव बम में तब्दील कर दिए जाए. तो ऐसा नहीं लगता कि सैकड़ों अंतरराष्ट्रीय संगठन सही तरीके से एकजुट नहीं हुए हैं. क्योंकि अगर ये कुछ करने पर उतारू होते तो नाइजीरिया में सक्रिय आतंकवादी संगठन बोको हराम की मजाल जो 83 मासूम बच्चों को मौत के मुंह में ढकेल पाती.
यूनिसेफ़ द्वारा जनवरी से अगस्त तक के पीरियड में तैयार रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि उन 83 बच्चों में 55 लड़कियां शामिल हैं जिनमें कई की उम्र 15 साल से भी कम है.
इन ‘मानव बम’ बच्चों का इस्तेमाल कर बोको हराम के चंगुल से बचाए गए और भागे हुए बच्चों के मन में डर पैदा करना है. जिसकी वजह से कई बच्चे जो बोको हरम की कैद से भागने में सफल हुए हैं वे अपने समुदायों में फिर से जुड़ने का प्रयास कर रहे हैं.
रिपोर्ट में आगे जिक्र है कि देश में बड़े पैमाने पर विस्थापन और कुपोषण का संकट भी है. करीब 17 लाख लोग विद्रोह के चलते उत्तरपूर्वी इलाकों में विस्थापित कर दिए गए थे जिनमें से तकरीबन 85 प्रतिशत लोग बोर्नो स्टेट में भेज दिए गए हैं.
उत्तरपूर्वी नाइजीरिया में इस साल करीब 4.50 लाख बच्चे कुपोषण की मार झेल रहे हैं. उत्तरपूर्वी नाइजीरिया अकाल और भूखमरी से ग्रस्त है. रिपोर्ट में कहा गया है कि लंबे समय से बच्चों को मानव बम बनाकर उन्हें ढाल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है.
यूनिसेफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि विद्रोह के इन आठ सालों में बच्चों ने भारी यातनाएं झेली हैं. 15 अगस्त को नाइजीरिया के बोर्नो स्टेट के मंदरारी में महिला बम से 30 लोगों की मौत और 85 लोग घायल हो गए थे.
यूनिसेफ़ की रिपोर्ट से ये बातें निकल कर आती हैं कि 83 मानव बम तैयार हैं. लेकिन दुनिया की मानवतावादी देशों की सरकारें आतंकवाद को नेस्तनाबूत करने के लिए किस स्तर की तैयारी कर रही हैं या फिर ये उस वक्त का इंतज़ार कर रहे हैं कि यूनिसेफ़ की एक और रिपोर्ट आए या किसी आतंकी हमले के बाद मानवतावाद का पक्ष लिया जाएगा.
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