मै ‘घोटाला’ हूं(प्रस्तावना)

मै किसी पहचान का मोहताज नहीं हूं. मै आज से करोड़ों साल पहले ही पैदा हो गया था लेकिन मै कब पैदा हुआ इसके बारे में कई मतभेद हैं.

भारत में मेरे वजूद को बनाए रखने में बड़े-बड़े पूंजीपतियों और राजनेताओं का हाथ है.
आजाद हिंदुस्तान में जब लोग भूखमरी से मर रहे थें मै और शक्तिशाली होता जा रहा था क्योंकि मै घोटाला था.

जब नेहरू ने भारत को विकास के रास्ते पर ले जाने के लिए योजना आयोग का गठन किया.े मै चंद राजनेताओं के मन में लोभ के रूप में पलने बढ़ने लगा. जब मेरा बचपना लोभ जवान हुआ तो उस समय मुझे कुछ लोगों ने घपला कह दिया. जब मै और ताकतवर बना तो लोगो ने मुझे घोटाला की संज्ञा दी.

देश के किसान अपना खून पसीना एक करके स्वावलंबी बनने की कोशिश में लगे थे और मै उनके हक के पैसों को दीमक की तरह चाट रहा था क्योंकि मै घोटाला था.
मेरी वजह से गरीब और गरीब बनते गए. मेरी वजह से ही एशियाई देशों में भी प्रति व्यक्ति आय, जीवन प्रत्याशा और मानव विकास के माने में भारत 135वें स्थान पर है.

मै आर्थिक शोषक भी बना. जब तक कोई इंटर्नल मेरे पास आता नहीं है मै अस्तित्व में नहीं आता. आज इस देश में मेरी वजह से ही गरीबी, भूखमरी, बालश्रम, बदहाली, बेबसी बनी हुई है.

आज से मै आपको अपनी पूरी कहानी सुनाने जा रहा हूं. कि भारत के लोगो का पैसा कैसे मेरे रूप में तब्दील होता गया और लोग गरीब होते गए.

भारत में हुए पहले घोटाले की अनसुनी कहानी अगले शनिवार को मै अपनी जुबानी सुनाऊंगा.

-आपका घोटाला

Published by Abhijit Pathak

I am Abhijit Pathak, My hometown is Azamgarh(U.P.). In 2010 ,I join a N.G.O (ASTITVA).

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