भारत के World heritage sites जो भी UNESCO में लिस्टेड है. उनमें ज्यादातर मध्यकालीन भारत के हैं. विदेशी पर्यटन से भारत सरकार का रेवेन्यू जनरेट होता है. जिसके जरिए देश के सर्वांगीण विकास के काम काज करने के लिए सरकारें योजनाएं बनाती हैं.
कहना ये है कि मध्यकालीन शहंशाहों ने सिर्फ लूटने का ही काम नहीं किया है. इसके दो पहलू हैं. मै भारत के पूर्व प्रधानमंत्री की बात कर रहा हूं, जिनके भाषण में इस बात का ज्यादातर जिक्र है कि मध्यकाल की शासन व्यवस्था निरंकुश और मौकापरस्त थी. हां, तब आधिपत्य और उपनिवेश स्थापित करने के लिए आक्रमण और व्यापार किए जाते थे. ऐसा तो भारतीय राजाओं ने भी किया था.
लेकिन मध्यकाल की शहंशाही हमारे लिए आज भी फायदे का ही सौदा है. क्योंकि लोकतन्त्र के हालात भी कार्पोरेट से आगे नहीं सोच पा रहे हैं.
#AtalBihariVajpayeeSpeech