आजकल बड़ी जोर शोर से पद्मावती को काल्पनिक चरित्र बताने की कोशिशें की जा रही है. ये वही लोग हैं जो इससे पहले राम का प्रमाण मांग रहे थे.
जायसी के पद्मावत को सबसे बड़ा साहित्यिक साक्ष्य बनाया जा रहा है और उस आधार पर अनर्गल बातें केन्द्र में रखकर चर्चा भी हो रही है.
वे जो लोग प्रामाणिक हैं वे अपने चार पीढ़ियों का प्रमाण दें और सिद्ध करें कि वे ही लोग इनके बाप दादे थें. जाहिलों की कमी नहीं है इस देश में. डीएनए का सैंपल चाहिए क्या? किस किसने रख रखा है बताता जाए!
मै हमेशा संयमित होकर संवाद रखता हूं मगर आज अनैतिक शब्दों को प्रयोग में लाना पड़ गया. आप जिस दिन हमारी विरासत पर सवाल खड़ा कर उसे खारिज करने की कोशिशों में जुट जाते हैं आप सम्मान के पात्र नहीं रह जाते.
मध्यकाल खिलजी वंश कितना पुराना हो गया और मेवाड़ की राजशाही अब अप्रमाणिक और काल्पनिक होने लग गई. तब तो वैदिक काल और उसके प्रामाणिक साक्ष्य कब के दरकिनार कर दिए गए होंगे.
जौहर और खाका की वो दास्तान दिल को दहला देने वाली घटनाएं हैं. आपको सुनकर हैरानी होगी कि 6000 रानियों ने जौहर दिया था. ये बलिदान अमर रहेगा. जिसे आप कल्पना भर मान रहे हैं वो पद्मावती अनंत तक प्रामाणिक रहेंगी. जाहिलों और पढ़ो.
#Padmavati