मुलायम सिंह यादव ने एक बार फिर विवादास्पद बयान दे ही दिया. गाजियाबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि राम के मुकाबले कृष्ण की ज्यादा पूजा होती है.
दरअसल जिस राम और कृष्ण में मुलायम सिंह यादव तुलना करने पर आमादा हुए वे दोनों सनातन धर्म के मुताबिक भगवान विष्णु के बारह अवतारों में से हैं. राम त्रेता युग में पैदा हुए थें और कृष्ण द्वापर में. ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि इन दोनों रूपों की अर्चना करने वाले लोग दो पंथ के हैं. राम और कृष्ण की पूजा सभी हिंदू करते हैं.
ये निम्न स्तर की सोच इस बात से मुकर नहीं सकती कि दोयम दर्जे की राजनीति करने के लिए वो अनर्गल बातें कर रहे है.
दरअसल, मुलायम सिंह यादव जैसे राजनेता अंग्रेजों की तरह फूट डालो और राज्य करो की नीति अपनाने की जुगत लोकतंत्र में भी लगा ही लेते हैं.
यहां मुलायम का इशारा यदुवंश में पैदा होने के नाते कृष्ण की तरफ था जिन्हें वे अपले पलडे़ में रखना चाह रहे हैं. वहीं राम जोकि सूर्यवंश में पैदा हुए और राम मंदिर आंदोलन को बीजेपी ने किया तो राम को कम पूजा जाने वाला बता रहे हैं.
इनको शायद पता नहीं कि अध्यात्मवेत्ता के लिए राम और कृष्ण दो नहीं एक हैं. इनमें तुलना करना अज्ञानता और नासमझी ही है.