पद्मावती भारत की आदर्श नारियों में एक हो सकती हैं. उन्हें श्रेष्ठ रानी भी कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी लेकिन राष्ट्रमाता और पद्मावती की तारतम्यता सटीक नहीं लगती.
शिवराज सिंह चौहान पद्मावती के नाम से पहले विशेषण राष्ट्रमाता जोड़कर पता नहीं क्या जाहिर करना चाहते हैं?
हां, पद्मावती का फैसला काबिले तारीफ था और बहुत ही गौरवशाली था. जिसमें उन्होनें अपनी आबरू बचाने के लिए जौहर कर लिया.
मै इस पर आपत्ति नहीं व्यक्त कर रहा, ये बस मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सुझाव भर है. दरअसल जब हम अपने लाभ के उन्माद में होते हैं तो विश्लेषण करना और सोचना छोड़ देते हैं.
अगर राष्ट्रमाता के लिए भारत की आदर्श महिलाओं का एक लिस्ट तैयार किया जाए और उस पर बड़ी गहनता से निर्णय लिया जाए तो राष्ट्रमाता की पदवी की योग्यता में बहुत सारे संशय उठते नजर आएंगे.
गार्गी जिन्होंने शास्त्रार्थ में याज्ञवल्क्य को हराया, इस सूची में शामिल की जाएंगी. वो लकड़हारिन जिन्होंने आदिगुरू शंकराचार्य को सही व्याकरण बताकर लज्जित सा कर दिया था.
या सीता जिन्होंने आदर्श प्रेमतत्व को स्थापित कर दुनिया को अचरज में डाल दिया. शकुन्तला जिनके बेटे भरत के नाम पर इस देश का नाम भारत पड़ा. इस सूची में ही सैकड़ों नाम आएंगे. जिनमें सर्वश्रेष्ठ कौन होगा ये बता पाना बड़ा ही कठिन होगा.
राष्ट्रमाता की पदवी भारत के परिप्रेक्ष्य में इतना आसान नहीं लगता जितना आपने झट पट तय कर लिया.
#Padmavati