सरदार वल्लभ भाई पटेल अपने समय के उन राजनेताओ में से एक हैं, जिन्होंने समग्र भारत को एकजुट करने के लिए तमाम प्रयास किये.
रियासतों में बिखरे भारत के एकीकरण में सरदार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
नि:संदेह सरदार पटेल द्वारा यह 562 रियासतों का एकीकरण विश्व इतिहास का एक आश्चर्य था। भारत की यह रक्तहीन क्रांति थी।
महात्मा गांधी ने सरदार पटेल को इन रियासतों के बारे में लिखा था, “रियासतों की समस्या इतनी जटिल थी जिसे केवल तुम ही हल कर सकते थे।”
पटेल ने अपने गृह मंत्रित्व काल में उत्तर और दक्षिण को एकजुट करने का भी काम किया था. भारत के शुरूआती राजनीति के नेता ना सिर्फ पार्टी के लिए काम करते थे बल्कि भारत के अभ्युदय और राष्ट्र निर्माण की चुनौतियों से सामना करने की योजनाएं बनाते थें.
हार्दिक पटेल का पाटीदार आंदोलन पटेल के राष्ट्रीय एकीकरण से दूर दूर तक वास्ता नहीं रखता. पाटीदार आंदोलन आरक्षण की मांग थी और ये मांग समग्र भारत के लिए नहीं थी. सरदार पटेल का मिशन भारत के लोगों के लिए था.
कांग्रेस के एक नेता को हार्दिक के डीएनए में अगर सरदार झलक रहे हैं तो वो गुजरात और हिमाचल के चुनावों की लालच से ज्यादा कुछ नहीं है.
सीधे तौर पर सरदार वल्लभ पटेल और हार्दिक पटेल की जीन की समानता अनुचित है. और ये बयान साबित करता है कि सत्तालोलुप लोगों को धरती और आसमान जोड़ने की अनैतिकता नहीं करनी चाहिए.
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