सहानुभूति बनाम लोकपक्ष

कुछ भी हो राहुल गाँधी अपने भाषणों में पीएम मोदी की तरह सहानुभूति अर्जित नहीं करते. मोदी जी अपने हर स्पीच में कहते हैं कि मै चाय बेचते हुए बड़ा हुआ. मैं गुजरात में पैदा हुआ,यूपी ने मुझे गोद लिया, पंजाब में बचपन बीता और फिर दिल्ली आकर नौकरी करने लगा!

जिस गुजरात में 22 साल से काबिज हैं वहां भी कहना पड़ रहा है ‘तुम्हारा बेटा’ करेगा बेड़ापार. ये रोते बहुत हैं. रोने के लिए तो राहुल गाँधी के पास भी बहुत सारे कारण हैं. आप अपनी माँ की परिस्थितियों को सुधारने के लिए कोई प्रयत्न नहीं करके फेसबुक हेडक्वार्टर में बिलखने लगते हैं. इतने सारे भाई होकर आपकी माँ को पड़ोसियों के घर बर्तन क्यों धोना पड़ा इसकी जवाबदेही आपकी है.

मैने राहुल गाँधी को कभी ये कहते नहीं सुना कि दादी को किसने मार दिया, पिताजी की हत्या किसने कर दी. राहुल गाँधी और पीएम मोदी में यही अंतर है कि मीडिया में राहुल का दुष्प्रचार हुआ है और मोदी जी की ब्रांडिंग.
एक ने सहानुभूति अर्जित की दूसरे ने लोकपक्ष.
#GujaratElection2017

Published by Abhijit Pathak

I am Abhijit Pathak, My hometown is Azamgarh(U.P.). In 2010 ,I join a N.G.O (ASTITVA).

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