साबरकांठा में 14 महीने की बच्ची के साथ रेप किया गया। जिसके बाद गुजरात पुलिस ने 300 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अपनी कार्रवाई कर रही है। लेकिन भारतीय राजनीति मासूम को इंसाफ दिलाने की बजाय क्षेत्रवाद की लड़ाई। कांग्रेस नेता अल्पेश ठाकोर के भारत बंद के आह्वान के बाद अब गुजरात में उत्तर भारतीयों पर हमले होने लगे हैं। गैर गुजरातियों और खास तौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। साबरकांठा की घटना के बाद गुजरात में रहने वाले उत्तर भारतीय डर गए हैं।
ये कौन सा भारत है, जहां एक मासूम के साथ रेप होने के बाद किसी को उसे इंसाफ दिलाने की चिंता कम और अपनी राजनीति चमकाने में ज्यादा दिलचस्पी रहती है। कांग्रेस नेता अल्पेश ठाकोर आते हैं और गुजरात बंद का आह्वान कर देते हैं। जिसके बाद योगी सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह कांग्रेस को खड्यंत्र के तहत इस मुद्दे को हवा देने की बात कहते हैं। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी नहीं रुकते और रेप के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा देते हैं। अब बिहार के सीएम नीतीश कुमार कह रहे हैं कि उत्तर भारत के सभी लोगों के प्रति गलत धारणाएं गुजरात के लोगों को नहीं बनानी चाहिए।
भारतीय राजनीतिज्ञों में संवेदनशीलता बची है कि नहीं। अपना-अपना पक्ष रखने से पहले ये सुनिश्चित करना होगा कि किसी मासूम के साथ रेप हुआ है। रेप पूरे भारत की बड़ी समस्याओं में से एक है। अल्पेश ठाकोर केवल गुजराती ना बनें। वे भारतीय भी हैं, इस बात को समझना चाहिए। नीतीश कुमार को भी रेप जैसे संवेदनशील मुद्दे पर उत्तर भारत का पक्ष लेना सही नहीं लगता। उत्तर भारत में जो रेप की घटनाएं होती हैं। उनमें उत्तर भारत के लोग होते हैं। वे इसी भारतीय समाज के लोग होते हैं।
क्षेत्रवादी बनने के चक्कर में ये नहीं भूल जाना चाहिए कि किसी अपराध के बाद, किसी रेप के बाद। पीड़ित को इंसाफ दिलाने से पहले हम अपने क्षेत्रगत दायरे को सुनिश्चित करें। बलात्कार जैसे घोर अपराध के खिलाफ इन सभी राजनेताओं को एकजुट होकर मासूम को न्याय दिलाने की जरूरत है।
अल्पेश ठाकोर से लेकर नीतीश कुमार को इस बात को समझना चाहिए कि जब बलात्कार करने वाले लोग भारतीय समाज के ही लोग हैं और आप उन्हीं क्षेत्रों का पक्ष लेने के लिए राजनीतिक अखाड़ा तैयार कर रहे हैं। तो गौर से सुनिए नीतीश कुमार जी! बलात्कारी उत्तर भारत में ही नहीं बीजेपी में भी हैं, जिसे पूरे भारत ने अभी हाल में ही देखा है और साथ ही हाथ जोड़कर निवेदन है अल्पेश ठाकोर कि आपका जितना खून गुजरात में रेप होने पर खौलता है, उतना ही उन सभी मासूमों के लिए खौलना चाहिए जो पूरे भारत में होते हैं। आप भारत के युवा हैं औऱ भारत के युवाओं को इतनी संकीर्ण मानसिकता शोभा नहीं देती। आखिर में बलात्कार कोई क्षेत्रगत नहीं वरन व्यापक समस्या है। इससे लड़ने के लिए क्षेत्रवादी बनना मूर्खता है।
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