मैं इस बात को लेकर बहुत ही आश्वस्त रहता हूं कि मेरी लिखी कविताएं एक दिन मुझे अमरत्व प्रदान कर देंगी. साहित्य के लिए कोई लगाम होता नहीं. साहित्य को हर दौर में इस बात की खुली छूट मिलती रही कि वो उन दायित्वों को पूरा करे, जो जनमाध्यमों(मीडिया) के दायरे में नहीं आता. दुनियाभर में साहित्य पर अनवरत काम हो रहे हैं. सभी अपने भावावेश के साथ इस विशाल समंदर में अनुभाव या भाव के गोते लगा रहे हैं. डूबना, साहित्य सृजन का सबसे नायाब तरीका है. आप किसमें घुल रहे हैं ये भी जरूरी है.
29 मार्च को फेसबुक से जुड़े सभी मित्रों, जिनमें मेरे परिवार के लोग, अच्छे लेखक, साथ में पढ़ने वाले दोस्त शामिल हैं. सबने मेरे टाइमलाइन पर उस पोस्ट को जरूर देखा, जिसमें निधि पांडेय ने रिलेशनशिप स्टेटस पब्लिक कर दिया. निधि को जितना मैं जान पाया हूं, एक बेहतरीन महिला हैं. मैं ये नहीं कहूंगा कि निधि से पहले कोई लड़की मुझे पसंद नहीं आई, या फिर अच्छी नहीं लगी. मैं कोई भी सूचना किसी से भी छिपाता नहीं और अपनी जिंदगी एक खुली किताब की तरह बिताने के लिए कृत संकल्प हूं. जिंदगी में गम इतना भी नहीं भर लेना चाहिए कि वो आपको पूरी तरह से तबाह कर दे. पत्रकारिता की पढ़ाई के शुरुआती दौर में और उससे भी पहले मुझे 2 लड़कियां बहुत ही पसंद आई थी. लेकिन उनको मैं बिल्कुल भी पसंद नहीं था. पिछले तीन सालों में कोई ऐसा दिन नहीं बीता होगा, जब मैंने अपनी मनोभावों की शिल्प से उन्हें गढ़ने का काम ना किया हो.
ये पहली बार है जब किसी ने मुझे अपनाया और गले लगाया है. प्यार और स्वाभिमान का ये चस्का मेरे व्यक्तिवाद को और मजबूत करे, इसकी ईश्वर से प्रार्थना करता हूं. ताउम्र इस रिश्ते को संजोने और आदर्श प्रेम व्यवस्था बनाने की कोशिशें करता रहूंगा.
कुछ बेहद हितैषी लोगों का तर्क है कि निधि के जीवन में आने का असर तुम्हारी कविताओं पर पड़ने लगा है, तो मैं उन लोगों को इस बात का भरोसा दिलाना चाहता हूं कि मेरे गुरुजी हेमंत कौशिक की एक बात जिसे मैंने अपनी जिंदगी में एक महामंत्र बना लिया, जिसमें उन्होंने कहा कि अपने भीतर के विद्यार्थी को कभी मरने मत देना, जिस दिन वो मर गया; तुम सब समाप्त हो जाओगे. अध्ययन एक ऐसा पारस पत्थर है जो अज्ञानता के जंग लगे लोहे को भी सोने में तब्दील कर देता है.
कुछ लोग पापा और अम्मा तक कुछ भ्रामक खबर फैलाने का गलत प्रयास कर रहे हैं, उन्हें इसका कोई खास फायदा मिलने वाला नहीं है. पापा और मां को मुझ पर पूरी तरह से भरोसा करना चाहिए. मैं जीवन में कोई भी फैसला उनकी अनुमति के बिना कभी भी लेना पसंद नहीं करूंगा. निधि से रिलेशनशिप की बात मैं उनके सामने कहने का सत्साहस जरूर करूंगा. मैं जानता हूँ कि इन बातों के लिए एक उचित समय है, जिसकी प्रतिक्षा मैं ना जाने कब से कर रहा हूं.
#ओजस