क्या यूपी पुलिस ने सही आरोपी पकड़ लिए हैं? या ये एक राजनीतिक साजिश है! कमलेश तिवारी की मां का आरोप झूठा है? या कमलेश तिवारी के कट्टर हिंदुत्व का नतीजा! कमलेश तिवारी हत्याकांड में साजिशें कितनी हो सकती हैं? ये कह पाना मुश्किल लग रहा है. कल दंगल की बहस में कमलेश तिवारी के वकील ने कहा कि 2015 की वो खबर ही गलत थी, जिसमें कहा गया था कि हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी ने पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयान दिया. दरअसल तथ्यों को जानने के बाद भी दूरसंचार माध्यम यानी कि मीडिया इसका कितना ध्यान देती है, इस पर क्या भी कहा जाये.
तब आग और अंगारे नाम के अखबार ने गलत खबर चलाई, फाॅरेंसिक जांच में आया कि कमलेश तिवारी ने कोई विवादित बयान दिया ही नहीं था. टीवी मीडिया ने उन पर ईशनिंदा का झूठा आरोप लगा दिया. आज भी लोग ये लिखने से गुरेज कर नहीं रहे कि – 2015 के बयान ने ली कमलेश तिवारी की जान? जिसके बाद कमलेश तिवारी को जान से मारने पर ईनाम के ऐलान किए गए, फतवे भी जारी हुए.
बहुत बड़ी पार्टी नहीं थी, हिंदू समाज पार्टी. लेकिन बंदा फेसबुक अकाउंट में अपने नाम के साथ चस्पा कर रखा है. कमलेश तिवारी HSP. मैं कल कमलेश तिवारी के फेसबुक अकाउंट की तफ्तीश में जुट गया. कई पोस्ट तो ऐसे थे, जिसे देखने के बाद ईमानदार राजनीति की प्रशंसा करने का मन होता था. वो कट्टर हिन्दू ही थे. नारा लगवाते थे कि मुसलमानों भारत छोड़ो. जिसकी वजह से वो हिंदुत्व के बड़े नेता बन चुके थे. राममंदिर मुद्दे पर अपना अलग मोर्चा चलाने में कोई कसर नहीं छोड़ा. वैमनस्यता भी तो अपराधी होती है. सांप्रदायिक कौन नहीं है. ओवैसी नहीं हैं कि योगी नहीं. लेकिन मारे तो कमलेश तिवारी गये.
मैंने कई ऐसे वारदात देखे हैं जिसमें पुलिस शुरुआती इन्वेस्टिगेशन में परिजनों से पूछती है कि क्या उनको किसी पर हत्या का शक है. लेकिन इस केस में बड़ा उलटफेर है. कमलेश तिवारी की मां चिल्ला चिल्लाकर कह रही हैं और सीधे तौर पर किसी बीजेपी नेता पर आरोप लगा रही हैं. और डीजीपी ओपी सिंह प्रेस कान्फ्रेंस में इस सवाल को जरुरी ही नहीं मानते और जवाब दिए बिना ही चले जाते हैं.
(धारा के विरूद्ध संघर्ष का संकल्प)
#KamleshTiwariHatyakand