क्या कोई ऐसी व्यवस्था नहीं है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यक अपने मुल्क में शान से रह सकें. अगर ऐसी बात है तो पीएम मोदी को यूएन सेक्योरिटी काउंसिल में शिकायत दर्ज करनी चाहिए थी. वैश्विक दबाव में पाकिस्तान सरीके अन्य देशों को अपनी बर्बरता छोड़नी पड़ती.
अगर दुनियाभर के प्रताड़ित भारत में शरण लेने आएंगे तो एक बड़े भूभाग पर सिर्फ इस्लामिक व्यवस्था का ही सूत्रपात हो जाएगा. ये बहुत भयानक होगा. इस मामले में राम से बेहतर कोई उदाहरण नहीं है. विभीषण श्रीलंका के प्रताड़ित थे, हिंदू भी थे. लेकिन राम ने आततायी रावण को मारकर विभीषण को राजा बनाया. अयोध्या में नागरिक बनाने के लिए नहीं लाये. वैश्विक समस्याओं के समाधान के लिए जो कदम उठाए जाने योग्य हो, वे ही उठाए जाने चाहिए.
प्रताड़ना कौन नहीं सह रहा है साहब. आपकी सरकार कम प्रताड़ित कर रही है जनता को. न्याय की गुहार लगा रही महिलाएं प्रताड़ित हैं. बेरोजगारी का दंश झेल रहे युवा प्रताड़ित हैं. शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित नागरिक प्रताड़ित हैं. प्रताड़ित हैं वे मध्यमवर्गीय परिवार, जीएसटी के बाद जिनकी रोजी रोटी छिन गई. प्रताड़ित हैं भारत के किसान, जो आपकी गलत नीतियों और फसल का सही दर ना मिलने पर आत्यहत्याएं करने के लिए मजबूर हो जाते हैं. प्रताड़ित हैं वो 114 लोग जो नोटबंदी की लाइनों में खड़े खड़े भगवान को प्यारे हो गये. प्रताड़ित हैं बीआरडी मेडिकल कालेज में आक्सीजन की कमी से मारे गए बच्चे, जिसकी वैक्सीन के लिए हम पूरी तरह से चीन पर निर्भर हैं. प्रताड़ित हैं वो मुसलमान जिन्हें उनके ही देश में हिंदुओं की वैमनस्यता सहनी पड़ रही है.
प्रताड़ित है ये आबोहवा जिसमें हम सांस ले रहे हैं, लेकिन इस तानाशाही के नाते हम इस सरजमीं को छोड़ के कहीं भी जाने के लिए तैयार नहीं. ये है हमारा कमिटमेंट.