अम्मा आए दिन कह रही हैं कि कमरे से बाहर मत जाना. उनकी ये चिंता वाजिब है. यकीनन हम मौत के मुंह में बैठे हैं. यूरोप और अमेरिका तक जिस संकट से उबर नहीं पा रहे, उसे हम बहुत हल्के में लेकर गलती कर रहे हैं. जिस महामारी ने दुनिया के 80 हजार लोगों को मार डाला. वो भारत में बहुत तेजी से बढ़ रहा है. मन में अपार चिंताएं हो रही हैं घर की. जब से सुना है कि आजमगढ़ में भी कुछ मामले सामने आए हैं.
कोई बाहर कैसे ना जाए, ग्रोसरी मंगवाया जा सकता है एक साथ. सब्जी और दूध के लिए तो निकलना ही पड़ रहा है ना. सभी पर शक होता है. कौन कब कहां इस वायरस से संक्रमित हो गया हो किसे पता. आॅफिस जाते समय कैब में भी डर लगता है. कचरे डालते समय भी डर लगता है. कोई खांस दे तो भी डर लगता है. ये डर बहुत ही वाजिब है. ये डर सबमें होना जरूरी है. जी हां, कोरोना की लड़ाई जीतने के लिए लाॅकडाउन के साथ इस डर का होना बेहद जरूरी है.
वुहान में सब कुछ ठीक हो रहा है, सुनकर थोड़ी जान में जान आती है तो यूरोप और अमेरिका समेत 200 देशों का मातम परेशान करने लगता है. मेरी फ़िक्र करने वाली मेरी अम्मा नहीं जानती कि ब्रिटेन में एक 5 साल का मासूम अपनी मां के सामने ही दम तोड़ दिया. सोचिए कि कैसे तड़प कर रह गई होगी वो मां! अमेरिका से खबर आई है कि एक बाघिन को भी कोविड 19 ने अपनी चपेट में ले लिया. यानी कि ये वायरस जानवरों में भी फैल रहे होंगे. बहरहाल जांच नहीं हो रही है तो पता नहीं चल रहा. कोरोना वायरस किसी महाप्रलय की तरह बढ़ता जा रहा है, इसे हल्के में लेकर बढ़ने के दायरे को ना बढ़ाए!
हाल ही में वारदात में शम्स ताहिर खान ने ये भी बताया कि चीन में कोरोना वायरस अब अज्ञात कारणों से भी हो रहा है. और कोविड19 से भी तेजी से फैलने की क्षमता रखता है. पैसे से कुछ नहीं होगा. कुछ नहीं होगा पैसे से. गौर से सुनिए. क्योंकि ब्रिटेन, इटली, स्पेन और अमेरिका के पास पैसे की कोई कमी नहीं है. लेकिन उन्हें कुछ भी सूझ नहीं रहा.
जानते हैं संस्कृत में एक श्लोक है. विनाशकाले विपरीत बुद्धिः यानी जब सब कुछ खत्म होने को होता है तो बुद्धि काम नहीं करती. तबलीगी जमात ने जो किया, यकीनन उससे भारत को भारी नुकसान हुआ है. लेकिन हम इसे हिंदू बनाम मुसलमान ना बनाए. क्योंकि बहुत सारे मुसलमान इस लड़ाई में हमारे साथ हैं. जो नहीं हैं वो बहुत बड़ी भूल कर रहे हैं और इसका हर्जाना यही होना चाहिए कि किसी बंद कमरे में उन्हें बिना इलाज के मरने के लिए छोड़ दिया जाए.