अर्णव गोस्वामी का आरोप है कि सोनिया गांधी ने पालघर हत्याकांड पर ट्वीट नहीं किया, मगर वो ट्विटर पर हैं ही नहीं. अर्णव गोस्वामी को संदेह है कि सोनिया गांधी इटली पत्र लिखकर इस बात की वाहवाही लूटेंगी कि हमने महाराष्ट्र में सरकार बनाते ही संतों की हत्या करवा दी. लेकिन हकीकत ये है कि सभी कसूरवार बीजेपी समर्थक हैं.
अर्णव की भाषा और मानसिक बीमारी की इंतिहा को देखकर लगता है कि अगर इस तरह चंद एंकर अपना एजेंडा चलाते रहें तो पत्रकारिता से लोगों का भरोसा ही उठ जाएगा. ऐसे उन्माद बरपाने के लिए मिनिस्ट्री की एडवाइजरी क्यों नहीं जाती टीवी चैनल के पास. अर्णव ने ये सब करने के बाद एक वीडियो जारी किया और कहा कि उनपर कांग्रेस युवाकर्ताओं ने हमला किया.
अब ये बताइए जब लाॅकडाउन में सिर्फ इसेंशियल सर्विसेज़ चल रही हैं तो इन पर हमला करने कोई कैसे पहुंच जाएगा. पालघर में संतों की निर्मम हत्या दुखद है. इसमें सोनिया गांधी का कोई रोल नहीं है. आप उनसे बात करते तो शायद वे बताती कि पालघर हत्याकांड एक जघन्य अपराध है. दरअसल आपकी समस्या है कि आप बेवजह अपना एजेंडा चला रहे हैं. अभी हाल ही में सोनिया गांधी ने राष्ट्र के नाम संदेश दिया.
अगर सोनिया गांधी के रिएक्शन का जरा सा भी फर्क पड़ता तो उसे रिपब्लिक भारत पर क्यों नहीं चलाया जाता. ये गतिविधि जो रिपब्लिक भारत पर हुई है वो निसंदेह आपत्तिजनक है. मुझे तो नहीं लगता कि जितना हेट स्पीच और धार्मिक उन्माद बीजेपी के नेता फैलाते हैं उतना सोनिया गांधी के मुंह से किसी ने सुना होगा.