पाकिस्तान के आम लोगों में भारत के लोगों को लेकर कोई दुर्भावना नहीं है, जैसाकि न्यूज़ चैनल्स दिखाते रहते हैं. वहां के लोग भी बहुत उदार और नेकदिल होते हैं. लेकिन भारतीय और पाकिस्तानी मीडिया ने बचपन से हमारे दिलों में एक दूसरे के लिए ज़हर बो दिया है. हमारे दिमाग़ में ऐसा भर दिया गया कि पाकिस्तान हमारा दुश्मन है. दरअसल, दोनों देशों के बीच में समस्या आतंकवाद और जम्मू कश्मीर बंटवारे के विवाद को लेकर है. हमारी तरह है आम पाकिस्तानियों के मन में भी ये बिठा दिया गया है कि भारत के लोग आतंकियों को पालते हैं. लेकिन ये सरासर दोनों देशों में आतंकी हमले हुए हैं.
आतंकियों को फंडिंग पूरा पाकिस्तान नहीं करता है और ना ही पूरा अफगानिस्तान. कुछ चंद लोग हैं; जो इन गतिविधियों में संलिप्त हैं. भारत और पाक के बीच कोई सीमा विवाद नहीं है. एक बड़ा हिस्सा समझौते में पाकिस्तान को दिया जा चुका है. इसके बावजूद वहां की सरकार भारतीय हिस्से में और अधिक मांग करता रहता है. लेकिन भारतीय मीडिया का राष्ट्रवाद ये साबित करने में मुस्तैद रहता है कि नहीं पाकिस्तान को तो हम कुछ नहीं देंगे. जबकि असलियत ये है कि हमने पाकिस्तान और बांग्लादेश को समग्र भारतवर्ष का बड़ा हिस्सा पहले ही दिया हुआ है. जब आप क्षेत्रफल और आबादी के हिसाब से देखेंगे तो पाकिस्तान के पास प्रति व्यक्ति भूमि भारत से कहीं ज्यादा है.
आइए समझते हैं-
भारत की कुल जनसंख्या – 125 करोड़
भारत का क्षेत्रफल – 32 लाख वर्ग किमी
पाकिस्तान की कुल जनसंख्या – 22 करोड़
पाकिस्तान का क्षेत्रफल – 8.82 लाख वर्ग किमी
मतलब; एक भारतीय के पास भूमि- 2.5 वर्ग मी
पाकिस्तान के एक आदमी के पास भूमि- 4 वर्ग मी
अब बताइए भूमि तो पाकिस्तान के पास अधिक है, फिर भी मीडिया छद्म राष्ट्रवाद में फंसकर ऐसा दिखाती रहती है कि पाकिस्तान बेचारा है; और उसे कश्मीर राग अलापने का मौका देते रहना चाहिए. भाई!ये तो भारतीय मीडिया का देश के लोगों के लिए ही कुठाराघात है, कायदे से तो ज्यादा जमीनें पाकिस्तान ने कब्जा रखी हैं. मेरा ये पोस्ट लिखने का सिर्फ़ एक ही मकसद है कि सभी लोग एक जैसे नहीं होते हैं इसलिए सबके लिए एक तरह की अवधारणा नहीं बनानी चाहिए.