राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र की जो जमीन 2 करोड़ की थी, उसे 18 करोड़ में खरीदा गया. भक्त इससे बड़ा सम्मान क्या देते राम को? अब राम मंदिर के नाम के साथ लोग घोटाला शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं.
पहले राम के नाम पर सत्ता हथिया लो, फिर लोगों की आस्था के नाम पर करोड़ों का चंदा लेकर खा जाओ. बात 16 करोड़ रुपये की नहीं है; ये भरोसे की बात है. जो लोगों ने किया था. चंदे की पर्ची काटने वालों पर.
राम मंदिर के लिए लोगों से चंदा लिया नहीं गया, मनमाने तरीके से वसूला गया है. चंदे के लिए भी एक खाता बना देते. घर घर जाकर वसूली करना ही न्यायसम्मत नहीं था. जिसकी जो श्रद्धा बन पड़ती, स्वेच्छा से कर देता.