पोलैंड की संवैधानिक कोर्ट ने यूरोपियन यूनियन के कुछ नियमों को अपने देश के संविधान के खिलाफ माना है. कोर्ट के इस फैसले के बाद यूरोपीय देशों का संगठन यूरोपियन यूनियन मुश्किल में फंस गया है. वारसॉ कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने ईयू के साथ पोलैंड के समझौते को अपने संविधान के खिलाफ माना. जजों ने ये भी साफ किया कि ईयू को इस पर मंथन करने की जरूरत है ना कि पोलैंड की ईयू में सदस्यता बर्खास्त करने की. पोलैंड अपने संवैधानिक मर्यादा के साथ समझौता करने वाला नहीं है.
वारसॉ कोर्ट की इस तल्ख टिप्पणी के बाद ईयू की प्रेसिडेंट उरसुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि हम पोलैंड के संविधान का सम्मान करते हैं और इस पर विचार विमर्श करने के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचेंगे. ईयू, पोलैंड के नागरिक अधिकारों का हर हाल में रक्षा करेगी.
वहीं, पोलैंड में बड़ी संख्या में लोग ईयू के लॉ से अपने देश के संविधान के टकराव के बारे में सुनने के बाद सड़कों पर हैं. तो कुछ लोग ईयू से अलग होने के डर से ईयू के समर्थन में रैली कर रहे हैं. कई विशेषज्ञों का मानना है कि कहीं पोलैंड भी ब्रिटेन की तरह ही ईयू से अलग होने का निर्णय ना ले ले. अब देखना होगा कि ईयू और पोलैंड के बीच सहमति होती है या फिर ये टकराव से पोलेक्जिट? को जन्म देता है.