यहां सब लोग मशहूर होने के फिराक़ में पड़े हैं. लोग एकबारगी में बूस्ट होना चाह रहे हैं. लेकिन मैं कहूंगा कि इस संघर्ष को मजे से बिताइये. मशहूर होने के बाद जब आप ऊंचाइयों से नीचे की तरह देखेंगे तो उसकी खूबसूरत छटा के आगे सब कुछ बेमानी लगेगा. जिंदगी का हरेक वक़्त ये सोचकर गुजारिये या जी लीजिये कि जहां आप हो वहां पहुंचना भी बहुत लोगों का सपना होता है. अच्छी बातें, अच्छी सोच, अच्छा व्यक्तित्व खुद के लिए सहुलियत भरा होने के साथ ही दूसरों के जीवन में भी अहम बदलाव ला सकता है. ये अवधारणा पूरी तरह से गलत है कि मशहूर लोग अच्छे ही होते हैं और मौजूदा मुकाम पर कठिन संघर्ष कर पहुंचते हैं. मशहूर होना और बर्ताव-व्यवहार में अच्छा होना मुमकिन है कि एक दूसरे के पूरक हो लेकिन ये सभी जगहों पर कदापि लागू नहीं हो सकता.
दुनिया में सबसे ज़्यादा मशहूर तो पाॅर्नस्टार महिलायें और पुरुष हैं. इसलिए मशहूर होने का पैमाना अच्छाई पर कभी भी निर्भर होता है कहना ठीक नहीं. मैं ये भी नहीं कह रहा कि पाॅर्न शूट कराने वाली महिलाएं अच्छी नहीं होती. हो सकता है कि वो अपने स्वभाव में बेहद खूबसूरत हो. ये तो वस्तु और व्यक्ति के नजरिये पर निर्भर करता है कि उसे कौन खूबसूरत और कितना जहीन दिखाई दे रहा है. कुल मिलाकर कहने का बस इतना सार है कि लोकप्रियता के पीछे मत भागिये बल्कि अपने कौशल और व्यक्तित्व को निखारने की कोशिश जुहाहिये. लोगों को ज्ञान देने से ज्यादा खुद के ज्ञानार्जन पर विचार कीजिये.
शुभरात्रि