10 जनवरी की डायरी से

यहां सब लोग मशहूर होने के फिराक़ में पड़े हैं. लोग एकबारगी में बूस्ट होना चाह रहे हैं. लेकिन मैं कहूंगा कि इस संघर्ष को मजे से बिताइये. मशहूर होने के बाद जब आप ऊंचाइयों से नीचे की तरह देखेंगे तो उसकी खूबसूरत छटा के आगे सब कुछ बेमानी लगेगा. जिंदगी का हरेक वक़्त येContinue reading “10 जनवरी की डायरी से”

सर्दी-कोरोना-पुलिस-प्रशासन-सरकार-मीडिया बनाम किसान?

आंदोलन कर रहे किसानों के साथ कौन सी बर्बरता नहीं की गई, किसानों पर पुलिस-प्रशासन-सरकार ने जुल्मो-सितम की सारी इंतेहा पार कर दी. जिस देश में पिछले तीन दशकों में लाखों किसानों ने सुसाइड कर लिया हो, उसी देश में किसानों पर अत्याचार करने के सभी तरीके आजमाये गए. पिछले साल इसी नवंबर में जबContinue reading “सर्दी-कोरोना-पुलिस-प्रशासन-सरकार-मीडिया बनाम किसान?”

पोलेक्जिट का डर?- पोलैंड के संविधान और ‘ईयू लॉ’ के बीच टकराव

पोलैंड की संवैधानिक कोर्ट ने यूरोपियन यूनियन के कुछ नियमों को अपने देश के संविधान के खिलाफ माना है. कोर्ट के इस फैसले के बाद यूरोपीय देशों का संगठन यूरोपियन यूनियन मुश्किल में फंस गया है. वारसॉ कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने ईयू के साथ पोलैंड के समझौते को अपने संविधान के खिलाफ माना. जजोंContinue reading “पोलेक्जिट का डर?- पोलैंड के संविधान और ‘ईयू लॉ’ के बीच टकराव”

युवा-संभावना: फुटबॉल की दुनिया में आते ही तूफान लाने वाला स्पेनिश खिलाड़ी ‘गावी’

अपने डेब्यू मैच में ही नेशन्स लीग के फाइनल में पहुंचने वाले स्पेन के फुटबॉल खिलाड़ी गावी आजकल सुर्खियों में छाये हैं. गावी सिर्फ 17 साल के हैं और अपनी टीम में सबसे कम उम्र के खिलाड़ी हैं. नेशनल लीग के मैचों में बिताये अपने 62 दिनों में ही गवी शून्य से शिखर पर पहुंचेContinue reading “युवा-संभावना: फुटबॉल की दुनिया में आते ही तूफान लाने वाला स्पेनिश खिलाड़ी ‘गावी’”

अमेरिका या रूस करता है तालिबान को हथियार सप्लाई?

आपने कभी सोचा है कि इस्लामिक आतंकी समूह तालिबान के पास इतने हथियार कहाँ से आते हैं? जवाब सुनकर आप हैरान रह जाएंगे. जी हाँ, अमेरिका, तालिबान को हथियार देता है! राॅबर्ट क्रूज़ जोकि स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी में बतौर एक्सपर्ट कार्यरत हैं. उन्होंने वाशिंगटन पोस्ट के एक इंटरव्यू में इसका खुलासा किया. उन्होंने तालिबान को हथियारContinue reading “अमेरिका या रूस करता है तालिबान को हथियार सप्लाई?”

ओलंपिक में कम मेडल के लिए कौन जिम्मेदार?

भारत की झोली में ओलंपिक से कम मेडल गिरने पर खिलाड़ियों पर सवाल उठाना बंद कीजिये. भारत में प्रतिभाओं की लेशमात्र भी कमी नहीं है. कमी है तो साइंटिफिक ट्रेनिंग की. भारत में ओलंपिक के लिए भेजे जा रहे एथलीटों के चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाइये. आप जिस शहर से आते हैं, वहां के खस्ताहालContinue reading “ओलंपिक में कम मेडल के लिए कौन जिम्मेदार?”

ओलंपिक खेलों में दर्शकों से जुड़े दिलचस्प किस्से!

अब तक के सभी ओलंपिक खेलों में दर्शकों की भीड़ और उसमें अपने देश की टीमों के लिए उत्साह आकर्षण का केंद्र बनता रहा है. टोक्यो ओलंपिक में इस साल बिना दर्शकों के खेलों का आयोजन होने जा रहा है, तो वहीं ओलंपिक में वेन्यू के भीतर दर्शकों के आने के महत्व और उससे जुड़ेContinue reading “ओलंपिक खेलों में दर्शकों से जुड़े दिलचस्प किस्से!”

राम नाम की लूट है!

राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र की जो जमीन 2 करोड़ की थी, उसे 18 करोड़ में खरीदा गया. भक्त इससे बड़ा सम्मान क्या देते राम को? अब राम मंदिर के नाम के साथ लोग घोटाला शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं. पहले राम के नाम पर सत्ता हथिया लो, फिर लोगों की आस्था के नाम परContinue reading “राम नाम की लूट है!”

47वें G-7 शिखर सम्मेलन पर मेरी प्रतिक्रिया

दुनिया की आधी दौलत G-7 के 7 सदस्य देशों के पास है, बाकी 188 देशों के पास आधी दौलत. आर्थिक विषमता के यही अगुवा देश दुनिया के हित का नाम लेकर ब्रिटेन के कार्नवाल काउंटी में इकट्ठा हुए हैं. G-7 के सदस्य देश दुनिया की आधी दौलत हड़प कर बैठे हैं; वहीं आधी दुनिया भूखमरी,Continue reading “47वें G-7 शिखर सम्मेलन पर मेरी प्रतिक्रिया”

भारतीय राजनीति का ‘भक्ति’काल

(2014 से लगातार…)भाग-1 जब साहित्य में भक्तिकाल की बात होती है तो कृष्णमार्गी भक्त सूरदास, राममार्गी तुलसी, ज्ञानमार्गी कबीर और सगुण निर्गुण भक्ति शाखा के बहुत सारे कवियों का नाम लिया जाता है, भक्ति का सामान्य भाव ईश्वर से अन्यतम आस्था का परिचायक है! लेकिन आधुनिक समय में भक्ति और भक्त का सामाजिक और राजनीतिकContinue reading “भारतीय राजनीति का ‘भक्ति’काल”