आप सभी के प्यार और लगातार मिल रही दुआओं से आज मैं कोरोना से लड़-भिड़ कर वापस आ गया. इस बीच जो अनुभव किया उस पर बस इतना कहूंगा कि हमेशा किसी भी बिषम परिस्थिति से लड़ने के लिए खुद को तैयार रखिए. जिंदगी में हार मान लेना अंतिम विकल्प नहीं है. बस पाॅजिटिव आनेContinue reading “Tested Negative!”
Category Archives: संस्मरण
मुंबई वाले बाबा और पापा की बीच कुएं का पानी पीने की जिद्द!
छोटे दादाजी यानी बाबा को हम प्यार से मुंबई वाले बाबा बुलाते. मुंबई में नौकरी करने की वजह से ही उन्हें ये नाम दे दिया गया. एक चर्चा में मुझे जब मालूम चला कि उन्हें आखिरी सैलरी सिर्फ़ साढे बारह हजार रुपये ही मिली और कुल जमा छ: लाख पीएफ डिपाॅजिट. तो हैरान रह गया.Continue reading “मुंबई वाले बाबा और पापा की बीच कुएं का पानी पीने की जिद्द!”
प्रशांत कोठारी सर: जिनकी क्लास में आप कभी बोर नहीं हो सकते!
((आधुनिक दौर के छात्र लंबे पाठ्यक्रम और परंपरागत टीचिंग स्टाइल से बोर हो जाते हैं, इस पीढ़ी के मेंटर ऐसे होने चाहिए जो दोस्त सरीके हों और आपको क्लास के बाहर भी ये एहसास ना होने दें कि वो आपके दोस्तों से अलग हैं. ऐसे मानकों में फिट बैठने वाले मेरे एक ही टीचर हैं,Continue reading “प्रशांत कोठारी सर: जिनकी क्लास में आप कभी बोर नहीं हो सकते!”
ITMI संस्मरण: दिल नाउम्मीद तो नहीं ! ‘विशाल शर्मा’
((विशाल भाई से आपकी असहमतियां हो सकती हैं, लेकिन किसी भी मनमुटाव को रखने के लिए उनके विशाल ह्रदय में कोई जगह नहीं होती. वो फ़िक्र के मुंडेर पर बैठे ऐसे सारथि हैं, जिन्हें अपने साथ के लोग अर्जुन जैसे लगते हैं.)) मैंने ऐसे बहुत कम लोग देखे हैं, जिन्हें बरबस ही अपने साथ रहनेContinue reading “ITMI संस्मरण: दिल नाउम्मीद तो नहीं ! ‘विशाल शर्मा’”
ITMI संस्मरण: मुझे किताबों में उलझाने वाला ‘निशांत भारद्वाज’
((बिहार को मैं कितना जान पाया हूं नहीं पता. लेकिन दुनिया को 9 के आगे की गिनती सिखाने वाले आर्यभट्ट से लेकर राजनीति के प्रबोध बाबू जयप्रकाश नारायण की कर्मभूमि के तौर पर ये सरजमीं पूजनीय है. और मैं ये बिना रूके कह सकता हूँ कि जिस पथ पर मेरे कदम आज चलायमान हैं यानीContinue reading “ITMI संस्मरण: मुझे किताबों में उलझाने वाला ‘निशांत भारद्वाज’”
ITMI संस्मरण: ज़माना हमसे है, ज़माने से हम नहीं – ‘रमन’
(( काले खां की शेर है- हमें रोक सके, जमाने में ये दम नहीं! हमसे जमाना है, जमाने से हम नहीं. रमन को देखकर यही भाव मन में स्पंदित होता है कि ये लड़का अपने आप में एक ‘जमाना’ है. और ये जमाना इसे रोक नहीं सकता. )) ITMI में ओरिएन्टेशन के दो दिन पहलेContinue reading “ITMI संस्मरण: ज़माना हमसे है, ज़माने से हम नहीं – ‘रमन’”
ITMI संस्मरण: ‘दो रूहों के मिलन की जुड़वा पैदाइश है’!
((स्वाति ये लाइनें गुलजार की लिखी हुई हैं. मैंने तुम्हारा परिचय देने में इससे सहायता ली है. इसको पूरा पढ़ने के बाद ही इसका हेडर समझ आएगा.)) ITMI संस्मरण मेरे लिए एक मौलिक संपदा के तौर पर है. मौलिक संपदा माने ऐसा कुछ जो सिर्फ आपके ही पास हो. आज बात गुरूदेव रवींद्र की सरजमींContinue reading “ITMI संस्मरण: ‘दो रूहों के मिलन की जुड़वा पैदाइश है’!”
ITMI संस्मरण की भूमिका!
अगर ITMI संस्मरण को लेकर आपके मन में ये सवाल आ रहा हो कि मुझे इतनी फुरसत कैसे मिलती है और मैं अपने वर्तमान से बेहतर अतीत को जी पाया हूं तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. मैंने हमेशा खुद को समभाव रखने की कोशिश की है. इस नाते अतीत या वर्तमान का प्रभाव मेरेContinue reading “ITMI संस्मरण की भूमिका!”
ITMI संस्मरण: शौकिया मोटिवेटर ‘विष्णु खन्ना’
दुनिया के तीनों दिग्गज दार्शनिक प्लूटो, अरस्तू और सुकरात भी लोगों को इतना सुझाव नहीं दिए होंगे, जितना बड़े भाई विष्णु खन्ना राह चलते को भी दे देते हैं! और जब भाईजान किसी का मार्ग प्रशस्त करते हैं तो मुमकिन ही नहीं कि उस समूह का कोई सदस्य बीच में कुछ बोल जाए. सभी विष्णुContinue reading “ITMI संस्मरण: शौकिया मोटिवेटर ‘विष्णु खन्ना’”
ITMI संस्मरण: ‘महा महनीय मेधाविन’ हेमंत कौशिक !
((ये संस्कृत के एक स्वागत गीत की पहली लाइन है हेमंत सर. जिसका मायने होता है ‘आदरणीय’. अगर हम सभी तिमिर से लड़ने वाले उडुगन हैं तो आप ही हममें प्रकाश भरने वाले दिवाकर हैं. ईश्वर जानता है कि मैंने ताउम्र अपने सभी शिक्षकों को उससे ज्यादा अहमियत दी है. प्राचीन समय में लोगों कीContinue reading “ITMI संस्मरण: ‘महा महनीय मेधाविन’ हेमंत कौशिक !”