ITMI संस्मरण: मौला! कैसी-कैसी सूरतें तूने बनाई हैं!

आंचल का नाम आते ही मन में एक ही ख्याल आता है. अमिताभ बच्चन वाला खयाल नहीं आता है. जिसे साहिर ने अमृता के लिए लिखा था. खयाल बस इतना ही कि ITMI में टीवी जर्नलिज्म की एक स्टूडेंट जिसकी चश्मेबद्दूर और सियाह आंखें इतनी वाचाल कि 20 फीसदी संवाद उसी के जरिए किया जाContinue reading “ITMI संस्मरण: मौला! कैसी-कैसी सूरतें तूने बनाई हैं!”