जिस देश में 86 फीसदी निजी संपत्ति सोने और जमीन के रूप में हो और महज 14 फीसदी नकदी ही वित्तीय निवेश में आ पाई हो, वहां आर्थिक सुधार(नोटबंदी) भ्रष्टाचार का भला क्या बिगाड़ सकती है। अब इस फेहरिस्त को समझना होगा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रयोग कहीं जाया तो नहीं चलाContinue reading “देश की आर्थिक हकीकत (1)”
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अंधेर नगरी में लोकतंत्र(भाग-6)
अरूणाचल प्रदेश भारत का एक राज्य है। अभी हाल ही में जहां के 6 स्थानों का नाम चीनी भाषा में रख दिया गया। 14 अप्रैल को चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर अरूणांचल के 6 जगहों के नाम तिब्बती और रोमन लिपि में रखने की घोषणा की थी। चीन भारत केContinue reading “अंधेर नगरी में लोकतंत्र(भाग-6)”
…,मोदीजी तो फिर सामाजिक बुराइयों को मौन स्वीकृति क्यों दे रहे थे आप
आपने एनडीए की सारी उपलब्धियां गिनवाया ठीक, भारतीय संस्कृति पर लम्बा-चौड़ा बोला ये भी ठीक, और इसके बाद आजादी के संघर्षों की गाथा, काबिले तारीफ. मनमोहक तरीके से भाषण देने में आप निपुण है इस बात को माना जा सकता है लेकिन इन सबके बाबत एक बात गले नहीं उतर रही है कि इससे पहलेContinue reading “…,मोदीजी तो फिर सामाजिक बुराइयों को मौन स्वीकृति क्यों दे रहे थे आप”
मै उत्तर प्रदेश का वर्तमान हूं.
मै उत्तर प्रदेश आज अपने वर्तमान की हालात बताने जा रहा हूं. थोड़ा संभल कर सुनियेगा मेरा दर्द. मै हमेशा यही सोचता रहा कि बदलाव होने ही वाला है. लेकिन मेरे जनप्रतिनिधियों ने मेरे उम्मीद पर पानी फेरने का काम दम लगाकर किया. मैने जिन लोगों पर विश्वास कर, लोगों को जागरुक करने और समाजContinue reading “मै उत्तर प्रदेश का वर्तमान हूं.”
बुधिया सिंह को ओलंपिक का सपना दिखाना गलत था क्या?
मनोज वाजपेयी की फिल्म बुधिया सिंह-बॉर्न टू रन 5 अगस्त को रिलीज होने जा रही है. ये फिल्म बुधिया सिंह के जीवन पर आधारित एक बायोपिक ही नहीं है बल्कि इसके पीछे बुधिया सिंह की एक ऐसी कहानी है, जो लिम्का एवॉर्ड से सम्मानित दुनिया के सबसे कम उम्र के सफल धावक के आज कोContinue reading “बुधिया सिंह को ओलंपिक का सपना दिखाना गलत था क्या?”
क्या राजनेताओं पर वादे से मुकर जाने पर कोई सजा मुकर्रर किया जाना चाहिए.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव, 2017 का सबसे बड़ा चुनाव होने के साथ ही आजाद भारत का सातवां दशक पूरा होने का साल भी होगा. ये चुनाव बहुत छोटा सा निर्णय नहीं होगा. ये साबित करेगा उन सभी राजनीतिक पार्टियों की वास्तविक जनभागीदारी जिनके दावें तो बहुत सारे है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही दिखाईContinue reading “क्या राजनेताओं पर वादे से मुकर जाने पर कोई सजा मुकर्रर किया जाना चाहिए.”
कुछ हो नहीं रहा हैं, बस बदलाव की उम्मीद कैसे कर लूं.
पता नहीं क्यों आज सुबह से मै बहुत परेशान हूं, कोई बात भी नहीं है . मुझे मेरे आसपास की चीज़े जिसे परिवेश भी कहा जा सकता हैं मन में इस हद तक घर कर जाती है कि उसके बाद मै उनसे बाहर नहीं निकल पाता. मै अक्सर चाय की दुकानों पर जब छोटे बच्चोंContinue reading “कुछ हो नहीं रहा हैं, बस बदलाव की उम्मीद कैसे कर लूं.”