सर्दी-कोरोना-पुलिस-प्रशासन-सरकार-मीडिया बनाम किसान?

आंदोलन कर रहे किसानों के साथ कौन सी बर्बरता नहीं की गई, किसानों पर पुलिस-प्रशासन-सरकार ने जुल्मो-सितम की सारी इंतेहा पार कर दी. जिस देश में पिछले तीन दशकों में लाखों किसानों ने सुसाइड कर लिया हो, उसी देश में किसानों पर अत्याचार करने के सभी तरीके आजमाये गए. पिछले साल इसी नवंबर में जबContinue reading “सर्दी-कोरोना-पुलिस-प्रशासन-सरकार-मीडिया बनाम किसान?”

ओलंपिक में कम मेडल के लिए कौन जिम्मेदार?

भारत की झोली में ओलंपिक से कम मेडल गिरने पर खिलाड़ियों पर सवाल उठाना बंद कीजिये. भारत में प्रतिभाओं की लेशमात्र भी कमी नहीं है. कमी है तो साइंटिफिक ट्रेनिंग की. भारत में ओलंपिक के लिए भेजे जा रहे एथलीटों के चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाइये. आप जिस शहर से आते हैं, वहां के खस्ताहालContinue reading “ओलंपिक में कम मेडल के लिए कौन जिम्मेदार?”

Covid19: We competite not unite!

The superpowers, who were chanting the world to unite and fight against the Corona epidemic, did not share the mechanism of making vaccines with other countries only for their own benefit. As a world, we started competing hard to fight this epidemic. The work would have been carried out. Alas! We would have fought thisContinue reading “Covid19: We competite not unite!”

‘रोशनदान’

प्रधानमंत्री मोदी! आपने नागरिकराज के लोकतांत्रिक अस्तित्व पर हमला किया है. गंगा के किनारे बसे वाराणसी को जीतने के लिए आपने कहा था- मुझे तो माँ गंगा ने बुलाया है. आज वही गंगा माँ अपने बेटों के शवों से पट गयी हैं. सनातन का पाखंड करने वाले आपके चापलूस सीएम योगी ने निर्ममता की सारीContinue reading “‘रोशनदान’”

रोशनदान! (22 अप्रैल की डायरी से)

इंसान की जीने के लिए जो बेचैनी है, वो बेइंतहा है! मरने के बिलकुल नजदीक पहुँचकर भी वो जीना नहीं छोड़ता. सब समझ बैठे हैं कि जीये जाना ही सबसे बड़ी हकीकत है लेकिन ये समझ सही नहीं है. सबसे बड़ा सच है मृत्यु. हम इस हकीकत से कभी इनकार नहीं कर सकते. श्रीमद्भागवत गीताContinue reading “रोशनदान! (22 अप्रैल की डायरी से)”

‘रोशनदान’- बदलाव की उम्मीद के साथ!

भारत में बहुत जल्द कोरोना के डेली केस एक लाख के पार हो जाएंगे लेकिन भारत सरकार का पूरा जोर विधान सभाओं को जीतने में दिख रहा है. आज भारत में 93 हजार से अधिक कोरोना केस सामने आए हैं. हमारे प्रधानमंत्री ने चुनाव प्रचारों में अपने ही कोरोना के खिलाफ दिए नारे ‘दो गजContinue reading “‘रोशनदान’- बदलाव की उम्मीद के साथ!”

एक ‘अज्ञानी’ प्रधानमंत्री के भरोसे मत बैठिये!

2014 के बाद भारतीय राजनीति आस्था का विषय बना दी गई है. अनहद भक्तियुग! कोई प्रधानमंत्री के झूठे दावे के खिलाफ नहीं बोलेगा? नहीं तो उसे गालियाँ दी जाने लगेंगी. उनके अतार्किक और अज्ञानी बातों पर सवाल उठा दे तो उनके समर्थक जान से मारने की धमकियाँ देंगे! एनडीए सरकार की विफलताओं पर बोलने परContinue reading “एक ‘अज्ञानी’ प्रधानमंत्री के भरोसे मत बैठिये!”

…,मोदीजी तो फिर सामाजिक बुराइयों को मौन स्वीकृति क्यों दे रहे थे आप

आपने एनडीए की सारी उपलब्धियां गिनवाया ठीक, भारतीय संस्कृति पर लम्बा-चौड़ा बोला ये भी ठीक, और इसके बाद आजादी के संघर्षों की गाथा, काबिले तारीफ. मनमोहक तरीके से भाषण देने में आप निपुण है इस बात को माना जा सकता है लेकिन इन सबके बाबत एक बात गले नहीं उतर रही है कि इससे पहलेContinue reading “…,मोदीजी तो फिर सामाजिक बुराइयों को मौन स्वीकृति क्यों दे रहे थे आप”