उड़ता पंजाब एक ऐसी फिल्म है जिसे नशाखोरी को समाज से बाहर करने की मकसद से बनाया गया है. इस लत से युवा समाज के लिए भटकाव के तमाम आसार बन जाते है. जोकि पंजाब में एक बड़ी समस्या बनी पड़ी है. फिल्म मशहूर लेखक सुदीप शर्मा और अभिषेक चौबे का बढ़िया प्रयास है जिसमें ये कोशिश की गई है कि उड़ता पंजाब के द्वारा पंजाब की असलियत अगर सबके सामने जाती है तो लोगों में ये समझ आसानी से विकसित हो पायेगी कि नशाखोरी समाज को किस हद तक बदल कर रख देती है. फिल्म युवाओं को समाज से अलग होने और भटकाव के रास्ते पर जाने से रोकने की पूरी कोशिश करती हुई नजर आ रही है. आइए फिल्म के आये रिव्यू के तहत ये जानने की कोशिश की जाए कि आखिरकार इस फिल्म को क्यों देखा जाना चाहिए,
1.फिल्म रियलिस्टिक है.
इण्टरनेशनल बिजनेस टाइम्स द्वारा दिये गए लोगो के रिव्यू के मुताबिक इस फिल्म में अच्छे रिव्यू मिलने की वजह ये है कि इसमें ये दिखाने की कोशिश की गई है कि नशाखोरी को समाज से निकालना क्यों और कितना जरूरी है. ये हमारे समाज और विशेषकर युवाओं को किस मोड़ पर ले जाती है. नशाखोरी समाज में किस तरह की हालात बना सकती है ये फिल्म के माध्यम से दिखाया गया जो सामाजिक सुधार से जुड़ा हुआ मुद्दा है इस नातेलोगो को बेहद पसंद आ रही है.
2.जब फिल्म में एक साथ चार-चार कलाकार हो जिनसे करोड़ो लोगों का पहले का जुड़ाव ऐसा रहा हो कि बस..,
उड़ता पंजाब इसलिए भी देखी जानी चाहिए क्योंकि इस फिल्म में है रॉकस्टार का अभिनय करते हुए शाहिद कपूर, करीना कपूर जोकि डॉक्टर का रोल निभा रही है. दिलजीत दोसांझ का अभिनय उनके चहेतों को बहुत भा रहा है और आलिया भट्ट का तो पूछना ही क्या है.
इस फिल्म की प्रोड्यूसर शोभा कपूर और एकता कपूर ने भी फिल्म के प्रोडक्शन पर बेहतर काम किया है.
आलिया है सेन्टर ऑफ अट्रैक्शन
आलिया का बिहारी लड़की का किरदार तो लोगो को टीजर देखने के बाद ही समझ में आ गया था तभी से लोगों को आलिया का नया अवतार देखने की बेसब्री थी. कुमारी पिंकी के रूप में ट्रेलर और टीजर के बाद आलिया ने अपने फैंस को बेसब्र कर दिया था. अब शायद रिव्यू इस बात को जाहिर करता है कि वाकई में आलिया ने उड़ता पंजाब में अपने अभिनय का लोहा मनवा रही है.
दिलजीत दोसांझ से लोग हो गए है कायल
दिलजीत अपने फैंस के बीच एक चुबबुले अंदाज को इस फिल्म में भी बरकरार रखने की कोशिश करते नजर आ रहे है.
3.स्क्रिप्टिंग पर बेहतर काम हुआ है,
द टाइम्स ऑफ इंडिया के दिये गए रिव्यू बताते है कि भले ही ये क्राइम फिल्म है लेकिन इस फिल्म की स्क्रिप्टिंग का जोरदार असर है. जैसे चौबे के पंजाब में आपका स्वागत है,
आडियंस का कहना है कि ये फिल्म वास्तविकता से जुड़ी होने के साथ ही साथ भावुक कर देने वाली है क्योंकि इसके स्क्रिप्ट पर बेहतर काम हुआ है. बहरहाल इसमें हद से ज्यादा गालियों का इस्तेमाल हुआ है लेकिन निर्देशक अशोक चौबे ने एक ज्वलंत मुद्दे को मनोरंजन के रूप में उनके सामने रखा है.
- फिल्म में उस पंजाब को भी दिखाया गया है जब पंजाब में नशे की लत करने वाले लोग नहीं होते थे तो कैसा होता था पंजाब.,
एनडीटीवी मूवीज के मुताबिक इसके ज्यादातर डाइलॉग पंजाबी में है जोकि सुदीप शर्मा द्वारा लिखे गए है. ये जमीन से जुड़े हुए है और ये बुनियादी है. इसके अदाकार भी इस रोल को पूरी तरह से जी रहे है. ये इस फिल्म की खास बात है.
पंजाबी, पंजाब की संस्कृति और पंजाब का वो समाज जिसमें लोग बड़े सौहार्द के साथ रहते थे. जिसे देखने के बाद लोगों मे ये अलख जगती है कि वो पुराना पंजाब ही ठीक था. जिससे ये ते साफ हो जाता है कि पिछली अच्छाई दिखाकर ही जब आदमी को उसकी बुराई दिखायी जाती है तभी जाकर उसे इस बात का अफसोस होता है कि शायद ऐसा नही होना चाहिए.
- गंभीर मुद्दे को इन्टरटेनिंग लहजे मे दिखाना, पसंद कर रहे है लोग
डेकन क्रॉनिकल ने उड़ता पंजाब का रिव्यू दिया कि ये एक कड़ा सच है जोकि किस तरह बॉर्डर से स्मलिंग होती है और इसके पीछे का धंधा, उनसे जुड़े लोग कैसे होते है जिसको दिखाना अभिषेक चौबे द्वारा कितना अच्छा प्रयास है.
रिव्यू बता रहे है कि आप इस फिल्म को देखते समय कभी भी बोर नही हो सकते क्योंकि ये फिल्म भले ही एक समस्या पर आधारित है लेकिन इसको जिस तरह एक इन्टरटेनिंग वे में दिखाया गया है वो काबिले तारीफ है. लाजमी है कि लोग फिल्म के डाइरेक्टर, अदाकार और प्रोड्यूसर के कामों की सराहना कर रहे है. जिससे ये साबित हो जाता है कि फिल्म अच्छी है और इसे देखा जाना चाहिए.